17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चैंपियंस ट्रॉफी : सरदार सिंह फिट आज जर्मनी से भिड़ेगा भारत

भुवनेश्वर : कोच टैरी वाल्श के अचानक पद छोड़ने के कारण हॉकी इंडिया कुछ परेशानी में है, बावजूद इसके भारतीय पुरुष हॉकी टीम एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी में भी अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखकर इस साल के अपने बेहतरीन अभियान का सुखद अंत करना चाहेगी. भारत अपने पहले मैच में आज ओलंपिक चैंपियन जर्मनी से भिड़ेगा. […]

भुवनेश्वर : कोच टैरी वाल्श के अचानक पद छोड़ने के कारण हॉकी इंडिया कुछ परेशानी में है, बावजूद इसके भारतीय पुरुष हॉकी टीम एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी में भी अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखकर इस साल के अपने बेहतरीन अभियान का सुखद अंत करना चाहेगी. भारत अपने पहले मैच में आज ओलंपिक चैंपियन जर्मनी से भिड़ेगा.

यदि विश्व कप को छोड़ दिया जाये तो 2014 कुल मिलाकर भारतीय हॉकी टीम के लिए अच्छा साल रहा. विश्व कप में भारत नौवें स्थान पर रहा था लेकिन इसके बाद उसने सकारात्मक परिणाम हासिल किये.

वाल्श की देखरेख में भारत ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता और फिर इंचियोन एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर 2016 के रियोओलिंपिकके लिए सीधे क्वालीफाई किया. उसने एशियाई खेलों में 16 साल बाद स्वर्ण पदक हासिल किया.

चैंपियंस ट्रॉफी से कुछ दिन पहले भारतीय टीम ने विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला जीती जिससे निश्चित तौर पर सरदार सिंह एंड कंपनी का काफी मनोबल बढ़ा होगा.

लेकिन नवनिर्मित कलिंगा स्टेडियम में खेली जाने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में पोडियम तक पहुंचना भारत के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि उसका सामना दुनिया की चोटी की टीमों से होगा.

भारत को पूल बी में मजबूत जर्मनी, ओलंपिक और विश्व कप के रजत पदक विजेता नीदरलैंड और विश्व कप के कांस्य पदक विजेता अर्जेंटीना के साथ रखा गया है. पूल ए में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पाकिस्तान और इंग्लैंड की टीमें हैं. यदि चैंपियंस ट्रॉफी में रिकार्ड की बात की जाये तो भारत का इसमें रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है. वह केवल एक बार 1982 में पोडियम तक पहुंचा और तब भी टीम ने कांस्य पदक जीता था. वह चार बार चौथे स्थान पर रहा. दो साल पहले मेलबर्न में भी उसे चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा था.

इस बार भारतीयों के पास चैंपियंस ट्रॉफी के अपने रिकार्ड में सुधार करने का सुनहरा मौका है क्योंकि हाल में अच्छे परिणाम हासिल करने के अलावा उन्हें स्थानीय दर्शकों का भी समर्थन मिलेगा.

लेकिन वाल्श के इस्तीफे के बाद चले नाटक का टूर्नामेंट में भारतीय प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ सकता है और यह देखना होगा कि सरदार एंड कंपनी हाई परफोरमेन्स निदेशक रोलैंड ओल्टमैंस की देखरेख में कैसा प्रदर्शन करती है. ओल्टमैंस को अभी टीम की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

वाल्श को पिछले साल सितंबर में भारत का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था लेकिन हॉकी इंडिया और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई ) के साथ अनुबंध संबंधी बातचीत नाकाम रहने के बाद पिछले महीने उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था.

वाल्श के जाने बाद चैंपियंस ट्रॉफी भारत का पहला टूर्नामेंट होगा और ओल्टमैंस अच्छी तरह से जानते हैं कि उनकी भूमिका कितनी अहम है.

उन्होंने कहा, टीम का मनोबल ऊंचा है क्योंकि हम अच्छी तरह से जानते हैं कि प्रत्येक काम में कुछ बाधाएं आती हैं. हम अभी केवल आगे के बारे में सोच रहे हैं. हमारी निगाहें केवल चैंपियंस ट्रॉफी पर टिकी हैं और हमने इसके लिए अच्छी तरह से तैयार होने की हर संभव कोशिश की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें