28 सालों बाद नीदरलैंड को हराकर भारतीय टीम ने चखा जीत का स्‍वाद

भुवनेश्वर : लगातार दो मैचों में हार के बाद भारत ने चैंपियन्स ट्राफी हाकी टूर्नामेंट में आज यहां नीदरलैंड को 3-2 से हराया जो विश्व कप और ओलंपिक रजत पदक विजेता टीम पर उसकी पिछले 28 साल में पहली जीत है. इससे भारत पूल बी में तीसरे स्थान पर रहा. इस जीत से भारत ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2014 2:43 AM

भुवनेश्वर : लगातार दो मैचों में हार के बाद भारत ने चैंपियन्स ट्राफी हाकी टूर्नामेंट में आज यहां नीदरलैंड को 3-2 से हराया जो विश्व कप और ओलंपिक रजत पदक विजेता टीम पर उसकी पिछले 28 साल में पहली जीत है. इससे भारत पूल बी में तीसरे स्थान पर रहा.

इस जीत से भारत ने न सिर्फ हार का सिलसिला तोडा बल्कि नीदरलैंड के खिलाफ जीत का लंबा इंतजार भी समाप्त किया. भारत ने इससे पहले आखिरी बार बार्सिलोना में 1996 में ओलंपिक क्वालीफाईंग टूर्नामेंट में नीदरलैंड को हराया था.यही नहीं चैंपियन्स ट्राफी में 1986 के बाद भारत की नीदरलैंड पर यह पहली जीत है.

आज के परिणाम से भारत पूल बी में तीसरे स्थान पर रहा और वह गुरुवार को क्वार्टर फाइनल में बेल्जियम से भिडेगा. दूसरी तरफ हार के बावजूद नीदरलैंड पूल में शीर्ष पर रहा और वह अंतिम आठ के दौर में पाकिस्तान का सामना करेगा.क्वार्टर फाइनल के अन्य मैचों में पूल ए से शीर्ष पर रहा इंग्लैंड ओलंपिक चैंपियन जर्मनी का सामना करेगा जो पूल बी अंतिम स्थान पर रहा. अर्जेंटीना का सामना आस्ट्रेलिया से होगा.
भारत की तरफ से एस वी सुनील ( 33वें मिनट ), मनप्रीत सिंह ( 47वें मिनट ) और रुपिंदर पाल सिंह ( 49वें मिनट ) ने गोल किये जबकि नीदरलैंड के लिये दोनों गोल मिंक वान डर वीडेन ( 36वें और 58वें मिनट ) ने दागे.
पिछले दो मैचों से इतर भारतीय टीम आज अधिक संगठित और प्रेरित दिखी. पहले दो क्वार्टर में दोनों टीमों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला लेकिन कोई भी टीम गोल नहीं कर पायी.
भारत को गोल करने का पहला मौका दसवें मिनट में मिला जब आकाशदीप सिंह ने एस के उथप्पा के पास पर गेंद को गोल में डालने की कोशिश की लेकिन डच गोलकीपर पिरमिन ब्लाक ने उसे रोक दिया.
भारतीयों को हालांकि नीदरलैंड की रक्षापंक्ति में सेंध लगाने में बडी परेशानी हुई. रक्षापंक्ति में रुपिंदर पाल सिंह ने कई अवसरों पर गलतियां की. नीदरलैंड को गोल करने का पहला बडा मौका 20वें मिनट में मिला था लेकिन भारतीय गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने रोजियर होफमैन की रिवर्स हिट को आसानी से रोक दिया.
युवा उथप्पा ने फिर से भारत की तरफ से प्रभावशाली प्रदर्शन किया और कुछ अच्छे मौके बनाये. भारत को लगातार दो पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन वह इनका फायदा नहीं उठा पाया. मध्यांतर से दो मिनट पहले श्रीजेश ने फिर से होफमैन के शाट को खूबसूरती से रोका.
पहले दो क्वार्टर गोलरहित छूटने के बाद सुनील ने भारत को बढत दिलायी. उन्होंने गुरजिंदर सिंह के लंबे पास को डिफलेक्ट करके गोल में डाला. नीदरलैंड ने हालांकि इसके लिये रेफरल मांगा लेकिन यह उनके खिलाफ गया.
भारत की बढत हालांकि अधिक समय तक नहीं रही और नीदरलैंड ने दो मिनट बाद ही बराबरी का गोल दाग दिया. वान डर वीडेन ने पेनल्टी कार्नर पर यह गोल किया. श्रीजेश की जगह गोलकीपिंग की जिम्मेदारी संभालने वाले हरजोत सिंह के पास इसका कोई जवाब नहीं था.
इसके बाद भारत ने लगातार हमले किये. इसका नतीजा यह निकला कि उसने 47वें मिनट में फिर से बढत हासिल कर ली. दानिश मुज्तबा के दो शाट को पिरमिन ने रोका लेकिन मनप्रीत रिबाउंड पर गोल करने में सफल रहे. इसके दो मिनट बाद रुपिंदर ने पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलकर स्कोर 3-1 कर दिया. आखिरी हूटर बजने से दो मिनट पहले वान डर वीडेन ने एक अन्य पेनल्टी कार्नर को गोल में बदला. इससे अंतिम क्षणों में मैच काफी रोमांचक बन गया. लेकिन अर्जेंटीना के खिलाफ पिछले मैच में अंतिम क्षणों में बिखरने वाली भारतीय रक्षापंक्ति ने आज ऐसी कोई गलती नहीं की और भारत आखिर में यादगार जीत दर्ज करने में सफल रहा.

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