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वर्ष 2014 : गोल्फ की दुनिया में भारत का मिश्रित प्रदर्शन, अनिर्बान लाहिड़ी उभरे

नयी दिल्ली : यूरोपीय और पीजीए टूर पर भारतीय गोल्फर सफलता से महरुम रहे लेकिन मिलकर चार खिताब जीतने वाले राशिद खान और अनिर्बान लाहिड़ी जैसे उभरते हुए युवाओं की मौजूदगी में भारत ने एशियाई टूर में अच्छा प्रदर्शन किया. भारत के अनुभवी खिलाड़ियों ने हालांकि निराश किया जिससे भारतीय गोल्फ के लिए वर्ष 2014 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2014 3:26 PM

नयी दिल्ली : यूरोपीय और पीजीए टूर पर भारतीय गोल्फर सफलता से महरुम रहे लेकिन मिलकर चार खिताब जीतने वाले राशिद खान और अनिर्बान लाहिड़ी जैसे उभरते हुए युवाओं की मौजूदगी में भारत ने एशियाई टूर में अच्छा प्रदर्शन किया. भारत के अनुभवी खिलाड़ियों ने हालांकि निराश किया जिससे भारतीय गोल्फ के लिए वर्ष 2014 मिश्रित सफलता वाला रहा.

इस साल जीव मिल्खा सिंह और अर्जुन अटवाल जैसे सीनियर खिलाड़ी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाये लेकिन राशिद और लाहिड़ी ने एशियाई टूर में बड़े कदम बढ़ाये.लाहिड़ी ने यूरोपीय टूर क्यू स्कूल अंतिम चरण में शीर्ष 25 में जगह के साथ अपने कैरियर में पहली बार यूरोपीय टूर कार्ड हासिल करके साल का शानदार अंत किया. उन्होंने इसके अलावा सीआईएमबी नियागा इंडोनेशिया मास्टर्स और वेनेशियन मकाउ ओपन का खिताब जीता. वह विश्व रैंकिंग में शीर्ष 100 में शामिल एकमात्र भारतीय हैं.
लाहिडी विश्व रैंकिंग में 64वें जबकि एशियाई टूर ऑर्डर ऑफ मेरिट में दूसरे स्थान पर हैं.राशिद ने दूसरी तरफ एशियाई टूर पर अपने पदार्पण वर्ष में दमदार प्रदर्शन किया. दिल्ली गोल्फ क्लब में कैडी रहे राशिद ने दिल्ली में सेल एसबीआई ओपन का खिताब जीतने के बाद थाईलैंड में चियांगमाई गोल्फ क्लासिक का खिताब भी जीता.

दिल्ली के गोल्फर शिव कपूर का प्रदर्शन भी प्रभावी रहा. उन्होंने अमेरिकी ओपन में संयुक्त 23वें स्थान पर रहते हुए किसी भारतीय द्वारा मेजर टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. वह 2015 के लिए यूरोपीय टूर कार्ड बरकरार रखने वाले एकमात्र भारतीय रहे.भारतीय गोल्फर यूरोप और अमेरिकी टूर पर खास सफलता हासिल नहीं कर पाये.

जीव को विभिन्न चोटों के कारण जूझना पड़ा जबकि अटवाल भी एशियाई टूर पर एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाये.भारतीय गोल्फरांे के लिए एक और निराशा इस साल कोरिया के इंचियोन में हुए एशियाई खेल रहे जहां वे एक भी पदक नहीं जीत पाये.
भारत ने इससे पहले एशियाई खेलों में तीन व्यक्तिगत स्वर्ण जीते हैं जबकि टीम स्पर्धा में 2006 में दोहा और 2010 में ग्वांग्झू में रजत पदक जीते थे. भारतीय गोल्फरों की नजरें अब वर्ष 2015 में बेहतर प्रदर्शन करने पर टिकी हैं.

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