इंदौर : पांच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद में शतरंज के प्रति भूख कम नहीं हुआ बल्कि और जाग गयी है. उन्होंने कहा कि उनमें शतरंज के प्रति नयी भूख जाग गयी है और वह वर्ष 2015 की स्पर्धाओं में जुझारु जज्बे से भाग लेने को उत्सुक हैं.
आनंद ने दुनिया की अग्रणी प्रतिभा विकास कम्पनी एनआईआईटी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, मुझे लगता है कि मुझमें शतरंज खेलने की नयी भूख जाग उठी है. मैं वर्ष 2015 में कई स्पर्धाओं में जुझारु भावना से भाग लेने के बारे में उत्सुक हूं.
इस साल आनंद को विश्व शतरंज चैम्पियनशिप के खिताबी मुकाबले में नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन के हाथों लगातार दूसरी बार हार का सामना करना पडा था. लेकिन उन्होंने लंदन शतरंज क्लासिक प्रतियोगिता जीतकर शह और मात के खेल में शानदार वापसी की.
कार्लसन से लगातार दूसरी बार हारने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर भारत के शीर्ष शतरंज खिलाड़ी ने कहा, विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में कार्लसन से मेरे दोनों खिताबी मुकाबले अलग-अलग थे. हालांकि, मैं पीछे मुडकर नहीं देख रहा हूं.
शतरंज के 45 वर्षीय ग्रैंडमास्टर ने कहा, मैंने कुछ ही दिन पहले लंदन शतरंज क्लासिक प्रतियोगिता जीती है. अब मैं अगले साल होने वाली प्रतियोगिताओं में भागीदारी पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं. आनंद ने शहर के प्रतिष्ठित स्कूल डेली कॉलेज में एनआईआईटी के कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिये. उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में ज्यादा से ज्यादा स्कूली बच्चों को शतरंज खेलने के प्रति प्रेरित कर प्रशिक्षण देने की जरुरत है.