नहीं बढ़ेगी टीमों की संख्या
नयी दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने कहा है कि अगले साल हॉलैंड में होनेवाले विश्व कप में प्रतिभागी टीमों की संख्या 12 ही रहेगी और इसमें बढ़ोतरी की कोई संभावना नहीं है. एफआइएच 2018 विश्व कप में टीमों की संख्या 12 से बढ़ाकर 16 करने की घोषणा पहले ही कर चुका है. एफआइएच अध्यक्ष लिएंड्रो […]
नयी दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने कहा है कि अगले साल हॉलैंड में होनेवाले विश्व कप में प्रतिभागी टीमों की संख्या 12 ही रहेगी और इसमें बढ़ोतरी की कोई संभावना नहीं है. एफआइएच 2018 विश्व कप में टीमों की संख्या 12 से बढ़ाकर 16 करने की घोषणा पहले ही कर चुका है. एफआइएच अध्यक्ष लिएंड्रो नेग्रे ने भारत के पूर्व हॉकी कप्तान दिलीप टिर्की के पत्र के जवाब में यह बात कही.
नेग्रे ने कहा, ह्यएफआइएच पूरी तरह से सहमत है कि विश्व कप में टीमों की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए, लेकिन 2014 विश्व कप में यह संभव नहीं है.ह्ण उन्होंने कहा, ह्यइसका पहला कारण यह है कि एफआइएच ने 2014 विश्व कप के क्वालीफाइंग नियमों की घोषणा पहले ही कर दी है और विश्व कप शुरू होने में अब एक साल से भी कम रह गया है. लिहाजा, इसमें बदलाव कर पाना संभव नहीं है.ह्ण नेग्रे ने कहा, ह्यदूसरा कारण यह है कि एफआइएच ने जब विश्व कप की मेजबानी के लिए बोलियां आमंत्रित की थी, तब कुछ नियम और शर्तें थीं और अब उन्हें तोड़ा नहीं जा सकता, अन्यथा इसके गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे.ह्ण विश्व कप 2014 में एफआइएच विश्व हॉकी लीग में शीर्ष छह रहनेवाली टीमों के अलावा पांच उपमहाद्वीपीय चैंपियन और एक मेजबान समेत 12 टीमें होंगी. भारत के पास क्वालीफाई करने का आखिरी मौका इस महीने के आखिर में होनेवाला एशिया कप है, जिसमें उसे हर हालत में जीत दर्ज करनी होगी.
रिकॉर्ड 412 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके पूर्व फुल बैक टिर्की ने इस बारे में बताया, ह्यमेरा मानना है कि एफआइएच के 130 सदस्य देश हैं और फिलहाल सिर्फ 12 देश विश्व कप खेलते हैं, जो ओलिंपिक के बाद सबसे बड़ा हॉकी टूर्नामेंट है. यह संख्या बहुत कम है, जबकि फुटबॉल और क्रिकेट विश्व कप में धीरे-धीरे प्रतिभागियों की संख्या बढायी गयी.ह्ण उन्होंने कहा, ह्यइसी तरह हॉकी के लिये भी जरूरी है कि अधिक देश विश्व कप खेलें. मैने मांग की थी कि अगले साल होनेवाले विश्व कप में टीमों की संख्या बढ़ा कर 16 कर दी जाये.ह्ण टिर्की ने कहा, ह्यफिलहाल हॉकी खेलनेवाले देशों को तीन समूहों ए , बी और सी में बांटा जा सकता है. इसमें ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, हॉलैंड, स्पेन, इंग्लैंड, दक्षिण कोरिया ए श्रेणी में हैं, जबकि भारत, पाकिस्तान, मलेशिया, न्यूजीलैंड, बेल्जियम, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका वगैरह बी श्रेणी में हैं. सी श्रेणी में आयरलैंड, कीनिया, फ्रांस वगैरह हैं.ह्ण उन्होंने कहा, ह्ययदि बी और सी श्रेणी में से कुछ और टीमों को विश्व कप फाइनल्स के ड्रॉ में शामिल किया जाये, तो इन देशों में खेल की लोकप्रियता और बढेगी.ह्ण