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बिगन को खेलते नहीं देख पाये थे माता-पिता

<<सतीश कुमार>> रांचीः जूनियर हॉकी विश्वकप में भारत और इंग्लैंड के बीच हुए कांस्य पदक मुकाबले में देश की निगाहें सिर्फ झारखंड की बेटी बिगन सोय पर टिकी हुई थीं. देशवासी बिगन का प्रदर्शन देख कर वाहवाही कर रहे थे. बिगन ने आठ पेनाल्टी शूटआउट में से छह गोल रोक कर भारत को जीत दिलायी […]

<<सतीश कुमार>>

रांचीः जूनियर हॉकी विश्वकप में भारत और इंग्लैंड के बीच हुए कांस्य पदक मुकाबले में देश की निगाहें सिर्फ झारखंड की बेटी बिगन सोय पर टिकी हुई थीं. देशवासी बिगन का प्रदर्शन देख कर वाहवाही कर रहे थे. बिगन ने आठ पेनाल्टी शूटआउट में से छह गोल रोक कर भारत को जीत दिलायी थी. वहीं दूसरी तरफ खूंटी के मुरहू में रहनेवाले बिगन के पिता नारा सोय और माता लिपि सोय इस बात से अनभिज्ञ थे कि उनकी बेटी मैच खेल रही है. बिगन के घर में टीवी नहीं है. यही वजह है कि वे अपनी बेटी को खेलते हुए नहीं देख पाये. मैच समाप्त होने के बाद बिगन ने फोन कर अपने माता-पिता को कांस्य पदक जीतने की जानकारी दी. ये बातें विश्व आदिवासी दिवस समारोह में सम्मानित होने के बाद बिगन के पिता नारा सोय व माता लिपि सोय ने प्रभात खबर से बातचीत में कही.

नारा सोय ने बताया कि उन्हें इस बात का जरा भी अफसोस नहीं है कि वह फाइनल में अपनी बेटी बिगन को खेलते हुए नहीं देख पाये, क्योंकि बिगन को पहले कई बार मैच खेलते देख चुके हैं. बिगन बचपन से ही हॉकी खेलती आ रही है. बड़ी होने पर उसका दाखिला बरियातू के हॉकी ट्रेनिंग सेंटर में हुआ. बिगन के प्रदर्शन से न सिर्फ उनका परिवार, बल्कि पूरे गांव में उल्लास का माहौल है. सभी की इच्छा है कि आनेवाले दिनों में बिगन देश और राज्य का नाम रोशन करे. बिगन के खेलने पर परिवारवालों ने कभी पाबंदी नहीं लगायी. उसके नाना-नानी भी उसे हमेशा प्रोत्साहित करते रहते हैं.

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