झारखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन ने दिया प्रेजेंटेशन, मंत्री संतुष्ट
दूसरी सैफ जूनियर एथलेटिक्स की मेजबानी मिली है रांची को
आठ देशों के 1000 खिलाड़ी और तकनीकी अधिकारी लेंगे भाग
रांचीः झारखंड दूसरी साउथ एशिया जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए तैयार है. यूथ सैफ एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी रांची को सौंपी गयी है. प्रत्येक दो सालों में होनेवाली चैंपियनशिप की मेजबानी चेन्नई को सौंपी गयी थी, जहां 2009 में इसका आयोजन होना था, लेकिन राजनीतिक गतिविधियों के कारण वहां इसका आयोजन नहीं हो सका. बाद में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इसकी मेजबानी झारखंड को सौंपी. चैंपियनशिप को लेकर झारखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन ने शनिवार को खेल मंत्री गीताश्री उरांव के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया. संघ के प्रेजेंटेशन से खेल मंत्री संतुष्ट दिखीं. प्रेजेंटेशन के दौरान उन्हें बताया गया कि चैंपियनशिप के आयोजन में लगभग दो करोड़ रुपये खर्च होंगे.
आठ देश लेंगे भाग
चैंपियनशिप में भारत समेत आठ देश भाग लेंगे. इनमें भारत के अलावा अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं. इन देशों के 1000 एथलीट व तकनीकी अधिकारी चैंपियनशिप में शामिल होंगे. 2007 में पहली सैफ जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन कोलंबो (श्रीलंका) में किया गया था, जिसमें 58 सदस्यीय भारतीय दल ने हिस्सा लिया था.
21 स्वर्ण जीते थे भारत ने
2007 में कोलंबो में हुई चैंपियनशिप में 29 इवेंट्स का आयोजन किया गया था. इसमें भारतीय दल ने 21 स्वर्ण, 19 रजत व पांच कांस्य समेत 45 पदक जीते थे. वहीं झारखंड में होनेवाली चैंपियनशिप में 42 इवेंट्स का आयोजन किया जायेगा. कोलंबो में पांच देशों के कुल 307 एथलीट व टीम ऑफिशियल्स ने हिस्सा लिया था.
फेडरेशन ने रांची
को क्यों चुना
|2011 में रांची में 34वें राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन
|रांची (झारखंड) ने जनवरी 2013 में भारत-इंग्लैंड एकदिवसीय मैच की सफलतापूर्वक मेजबानी की
|फाइनल समेत यहां हॉकी इंडिया लीग के कई मैचों का सफलतापूर्वक आयोजन संपन्न हुआ
|रांची में इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के दो मैच हो चुके हैं.
|रांची में एक ही परिसर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की मूलभूत संरचना है, जो सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि एशिया के एक-दो देशों में है
|रांची में किसी भी खेल का आयोजन हो, खिलाडि़यों का उत्साह बढ़ाने के लिए काफी संख्या में दर्शक मौजूद रहते हैं
|रांची में होनेवाली चैंपियनशिप का प्रसारण भाग लेनेवाले आठ देशों में होगा, विश्व के करोड़ों लोग इसके गवाह बनेंगे
|इसके जरिये हमें अपने संपन्न सांस्कृतिक परंपरा, शिल्प कला और खेल प्रतिभा को दिखाने का मौका मिले, जिससे विदेशी पर्यटक आकर्षित होंगे