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स्विस ओपन : श्रीकांत ने विक्टर एलेक्सन को शिकस्त देकर खिताब पर कब्‍जा जमाया

बासेल : स्विस ओपन ग्रां प्री गोल्ड के संघर्षपूर्ण फाइनल में युवा भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने विक्टर एलेक्सन को हराकर का खिताब जीत लिया. दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत ने 120000 डालर इनामी प्रतियोगिता के 47 मिनट चले फाइनल में दुनिया के छठे नंबर के डेनमार्क के खिलाड़ी को 21-15, 12-21, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2015 12:01 PM

बासेल : स्विस ओपन ग्रां प्री गोल्ड के संघर्षपूर्ण फाइनल में युवा भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने विक्टर एलेक्सन को हराकर का खिताब जीत लिया. दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत ने 120000 डालर इनामी प्रतियोगिता के 47 मिनट चले फाइनल में दुनिया के छठे नंबर के डेनमार्क के खिलाड़ी को 21-15, 12-21, 21-14 से हराया.

चीन ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर 2014 के फाइनल में पांच बार के विश्व और दो बार के ओलंपिक चैंपियन चीन के लिन डैन को हराकर सुर्खियां बटोरने वाले श्रीकांत ने दूसरे गेम में शिकस्त के बावजूद वापसी करते हुए जीत दर्ज की.टूर्नामेंट के दो शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों ने मैच की सतर्क शुरुआत की. पहले गेम में एक समय स्कोर 8-8 से बराबर चल रहा था जिसके बाद शीर्ष वरीय भारतीय खिलाड़ी ने बढ़त बनायी और फिर इसे बरकरार रखते हुए पहला गेम जीत लिया.
दूसरी वरीयता प्राप्त एलेक्सन ने इसके बाद दूसरे गेम में दबदबा बनाते हुए श्रीकांत को कोई मौका नहंी दिया. डेनमार्क के खिलाडी ने 7-2 की बढ़त बनायी और फिर आसानी से गेम 21-12 से जीतकर मुकाबला 1-1 से बराबर कर दिया.तीसरे गेम में श्रीकांत ने अच्छी शुरुआत करते हुए 4-1 की बढ़त बनायी लेकिन एलेक्सन ने 4-4 के स्कोर पर बराबरी हासिल कर ली.

इसके बाद मुकाबला 9-9 और 13-13 के स्कोर पर बराबर रहा. श्रीकांत ने इसके बाद लगातार तीन अंक के साथ बढ़त बनायी. एलेक्सन ने एक अंक बनाया लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने एक बार फिर लगातार पांच अंक के साथ गेम और मैच अपने नाम कर लिया. श्रीकांत ने कहा, पिछले कुछ महीनों में मैंने जैसा खेल दिखाया है उससे मैं काफी खुश हूं.

लखनऊ और बर्मिंघम में जो मैच मैंने गंवाए वे काफी करीबी थे और अनुभव से मुझे काफी सकारात्मक चीजें मिली. उन्होंने कहा, आज फाइनल में मैं सकारात्मक रहा और पूरे समय शीर्ष स्तर बनाये रखा. मैं इस दौरान अपने माता पिता, गोपी सर और अन्य लोगों से मिले समर्थन का आभारी हूं.

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