निष्पक्ष नहीं थी आईबीएल नीलामी:तौफीक
मुंबई : इंडियन बैडमिंटन लीग की खिलाड़ियों की नीलामी की आलोचना करने वालों में पूर्व ओलंपिक और विश्व चैम्पियन तौफीक हिदायत का नाम भी जुड़ गया जिनका मानना है कि भारतीय खिलाड़ियों के मुकाबले विदेशी खिलाड़ियों के साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया.तौफीक को हैदराबाद हाटशाट्स ने 15000 डालर के उनके आधार मूल्य पर खरीदा […]
मुंबई : इंडियन बैडमिंटन लीग की खिलाड़ियों की नीलामी की आलोचना करने वालों में पूर्व ओलंपिक और विश्व चैम्पियन तौफीक हिदायत का नाम भी जुड़ गया जिनका मानना है कि भारतीय खिलाड़ियों के मुकाबले विदेशी खिलाड़ियों के साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया.
तौफीक को हैदराबाद हाटशाट्स ने 15000 डालर के उनके आधार मूल्य पर खरीदा जबकि टीम ने उनसे काफी कम अनुभवी साथियों प्रादन्या गाडरे( 46000 डालर ), तरुण कोना( 28000 डालर)और अजय जयराम (25000 डालर )के लिए काफी अधिक राशि खर्च की.तौफीक ने कल रात संवादाताओं से कहा, ‘‘जब मैंने पहली बार टीवी पर देखा कि खिलाड़ियों को कितने में खरीदा गया तो मुझे बुरा लगा. मुझे लगता है कि आईबीएल ने विदेशी खिलाड़ियों के साथ सही व्यवहार नहीं किया. कीमत के जो स्लैब तय किए गए वह बेवकूफाना थे. अधिकांश विदेशी खिलाड़ियों को उनके आधार मूल्य पर बेचा गया जबकि भारतीय खिलाड़ियों को कहीं अधिक पैसे में खरीदा गया.’’
इंडोनेशिया के इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि यह उनका पहला और अंतिम आईबीएल है.
तौफीक ने कहा, मुझे लगता है कि आईबीएल आयोजकों ने विश्व रैंकिंग को ध्यान में नहीं रखा. यह मेरा पहला और अंतिम आईबीएल है.’’तौफीक तीन बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता हैं जिन्होंने इस साल जून में इंडोनेशिया सुपर सीरीज के बाद अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन से संन्यास ले लिया था.
हैदराबाद हाटशाट्स टीम की तौफीक की साथी साइना नेहवाल ने हालांकि आईबीएल आयोजकों का बचाव करते हुए कहा कि इंडोनेशिया के इस खिलाड़ी को काफी उम्मीद नहीं करनी चाहिए क्योंकि वह पहले ही अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन से संन्यास ले चुके हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी :ली चोंग वेई: को सबसे अधिक पैसा :135000 डालर: मिला. मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ भी अनुचित है. उसे :तौफीक को: स्वीकार करना चाहिए कि वह संन्यास ले चुका है और इसलिए उसे उंचा आधार मूल्य नहीं मिल सकता. इस तरह की बात करना नकारात्मक है.’’ साइना ने कहा, ‘‘लेकिन टूर्नामेंट में काफी भारतीय खेल रहे हैं और बेशक यह टूर्नामेंट भारतीयों के आगे बढ़ने के लिए है. ऐसा नहीं है कि हम विदेशी खिलाड़ियों के साथ कुछ गलत कर रहे हैं. उन्हें जो मिल रहा है, मुझे पूरा यकीन है कि वे इससे खुश होंगे क्योंकि उन्हें सुपर सीरीज खिताब या कोई और टूर्नामेंट जीतकर भी इतना पैसा नहीं मिलेगा. मुझे नहीं लगता कि किसी और ने ऐसी शिकायत की है.’’