नयी दिल्ली : चाइना ओपन जीतने के बाद उत्साह से भरे युवा बैडमिंटन खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत ने अपनी सफलता और विश्व रैंकिंग में तेजी से आगे बढने का श्रेय अपने कभी हार नहीं मानने के रवैये को दिया और उन्होंने कहा कि वह विश्व में नंबर एक रैंकिंग हासिल करने के लिये कडी मेहनत करने को तैयार हैं.
श्रीकांत ने इस महीने के शुरु में स्विस ग्रां प्री गोल का खिताब जीता. वह विश्व में चौथे नंबर पर काबिज हो गये हैं. उन्होंने पिछले साल दो बार के ओलंपिक चैंपियन लिन डैन को हराकर चाइना ओपन का खिताब जीता था. श्रीकांत ने कल से शुरु होने वाले 275, 000 डालर इनामी योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन की पूर्व संध्या पर कहा, मुझे नहीं लगता कि मैं मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकलने में माहिर हूं, असल में मैं कभी हार नहीं मानता. मैं मैच नहीं छोडना चाहता. मैं आसान अंक नहीं देना चाहता.
मैं अपना आत्मविश्वास नहीं गंवाना चाहता. मैं किसी भी परिस्थिति में जीतना चाहता हूं. मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने अक्सर ऐसा किया है. गुंटूर का यह 22 वर्षीय खिलाडी इंडिया ओपन में दूसरे वरीय के रुप में शुरुआत करेगा. उनका पहला मुकाबला विश्व में 19वीं रैंकिंग के थाई खिलाडी तानोंगसाक सीनोमबूनसुक से होगा.
श्रीकांत ने कहा कि पांच बार के विश्व चैंपियन लिन डैन को हराने से उनका मनोबल बढा. उन्होंने कहा, बैडमिंटन के एक दिग्गज को उनके देश में और वह भी फाइनल से हराने से आपका काफी आत्मविश्वास बढता है. मैंने उसके बाद अच्छा प्रदर्शन किया और उम्मीद है कि मैं यहां भी अच्छा प्रदर्शन करुंगा. उन्होंने कहा, मैं विश्व रैंकिंग में तेजी से आगे बढा हूं और उम्मीद है कि यह आगे भी जारी रहेगा. कोई भी खिलाड़ी विश्व का नंबर एक खिलाड़ी बनना चाहता है और उम्मीद है ऐसा मेरे साथ भी होगा. मैं इसके लिये कडी मेहनत करने के लिये तैयार हूं.