विश्व रैंकिंग में साइना नेहवाल नंबर वन, गौरवान्वित हुआ भारत

भारत में महिला बैंडमिंटन के इतिहास को खंगालें, तो बहुत कम ही नाम ऐसे मिलते हैं, जिनकी उपलब्धियों की चर्चा देश- विदेश में हुई है, ऐसा कोई नाम तो इतिहास में दर्ज है ही नहीं, जिसने विश्व बैंडमिंटन रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया हो. जबकि भारत में बैडमिंटन क्रिकेट के बाद सर्वाधिक खेला जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2015 1:44 PM

भारत में महिला बैंडमिंटन के इतिहास को खंगालें, तो बहुत कम ही नाम ऐसे मिलते हैं, जिनकी उपलब्धियों की चर्चा देश- विदेश में हुई है, ऐसा कोई नाम तो इतिहास में दर्ज है ही नहीं, जिसने विश्व बैंडमिंटन रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया हो. जबकि भारत में बैडमिंटन क्रिकेट के बाद सर्वाधिक खेला जाने वाला खेल है. साइना के अलावा बैडमिंटन जगत में अर्चना पोपट, पीवी सिंधू और ज्वाला गुट्टा जैसे गिनती के नाम ही हैं, जिन्होंने अपने लोहा मनवाया है. इस परिदृश्य में साइना नेहवाल की उपलब्धि हमारे लिए खास मायने रखती है. साइना नेहवाल ने न सिर्फ देश को कई बार गौरवान्वित होने का मौका उपलब्ध कराया, बल्कि उसने विश्व रैंकिंग में नंबर एक पर पहुंच कर महिला बैडमिंटन में भारत को काफी मान दिलाया है.

साइना की उपलब्धियां
साइना ने पहली बार वर्ष 2006 में अंडर 19 नेशनल चैंपियनशिप जीती. इसी साल साइना ने बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप का फाइनल खेला, हालांकि वे वाग इयान से हार गयीं थीं. साइना ने वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में भारत के लिए एकल प्रतियोगिता का कांस्य पदक जीता था.वर्ष 2010 में एशियन चैंपियनशिप में भी उन्होंने कांस्य पदक जीता. उबेर कप 2014 और इंचियोन एशियन गेम 2014 में टीम को कांस्य पदक मिला. कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में साइना ने एकल मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता. जबकि मिश्रित युगल मुकाबले में उन्हें रजत पदक मिला. 2015 में इंडिया बैडमिंटन टूर्नामेंट जीतकर वह विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बन गयीं हैं. उनसे पहले यह खिताब किसी भारतीय को हासिल नहीं था. साइना ने अपने कैरिय में 381 एकल मुकाबले खेले हैं, जिनमें से 266 मैच उन्होंने जीते हैं और 155 में उन्हें हार मिली है.
मिल चुके हैं कई सम्मान
साइना की उपलब्धियों के लिए उन्हें सरकार ने 2009 में अर्जुन पुरस्कार और 2009-10 में राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया. वर्ष 2010 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार भी दिया गया. पिछले दिनों जब पद्मश्री पुरस्कारों के लिए उनका नाम घोषित नहीं किया गया था, तो उन्होंने नाराजगी भी जतायी थी.
साइना की उपलब्धियां बनेगी युवाओं के लिए प्रेरणा
साइना नेहवाल ने जिस तरह की उपलब्धि बैडमिंटन के जगत में हासिल की है, उससे युवाओं को प्रेरणा मिलेगी और वे भी साइना की तरह बनने की चाह रखेंगे.

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