नयी दिल्ली: निलंबित आईओए कल यहां अपनी आम सभा की बैठक में आईओसी के आरोपी अधिकारियों को चुनाव नहीं लड़ने देने के निर्देश की अनदेखी करने को तैयार है, भले ही इससे भारत की ओलंपिक अभियान में वापसी खतरे में पड़ जाये.
यह विद्रोही कदम देश की ओलंपिक में वापसी पर रोक लगा सकता है लेकिन भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अधिकारियों ने दावा किया कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को रोकने का संशोधन अपनाया नहीं जा सकता क्योंकि भारतीय कानून आरोपी व्यक्तियों को संसदीय चुनाव में लड़ने की अनुमति देता है.
आईओसी ने चेतावनी दी थी अगर कल आम सभा बैठक में संविधान में ये संशोधन नहीं किये गये तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. लेकिन अभय सिंह चौटाला और ललित भनोट की अगुवाई वाली आईओए इस पर निडर बनी हुई है. पांच दिसंबर को हुए पिछले चुनावों में चौटाला को अध्यक्ष और भनोट को महासचिव चुना गया था लेकिन आईओसी ने इन चुनावों को मान्यता नहीं दी थी.