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एशिया कप में भारत के सामने कोरिया की चुनौती

इपोह (मलेशिया) : टूर्नामेंट में अच्छी शुरुआत के बावजूद भारत को कल यहां पूल बी के अपने दूसरे मैच में गत चैम्पियन दक्षिण कोरिया के रुप में नौवें एशिया कप हाकी टूर्नामेंट की अपनी सबसे कड़ी चुनौती का सामना करना होगा. अगले साल हालैंड के हेग में होने वाले विश्व कप में जगह बनाने के […]

इपोह (मलेशिया) : टूर्नामेंट में अच्छी शुरुआत के बावजूद भारत को कल यहां पूल बी के अपने दूसरे मैच में गत चैम्पियन दक्षिण कोरिया के रुप में नौवें एशिया कप हाकी टूर्नामेंट की अपनी सबसे कड़ी चुनौती का सामना करना होगा.

अगले साल हालैंड के हेग में होने वाले विश्व कप में जगह बनाने के लिए भारत को हर हाल में एशिया कप जीतना होगा. टीम ने कल सुल्तान अजलन शाह स्टेडियम में अपने पहले मैच में ओमान को 8.0 से हराकर अच्छी शुरुआत की थी.दुनिया की 11वें नंबर की टीम भारत की राह हालांकि दक्षिण कोरिया के खिलाफ आसान नहीं होगी जो आठ देशों के इस टूर्नामेंट में अपने खिताब की रक्षा करने के साथ अपना दबदबा बनाए रखने को तैयार है.

विश्व कप के लिए पहले ही क्वालीफाई कर चुकी दक्षिण कोरिया की टीम अब चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान की उम्मीदों को तोड़ने की कोशिश करेगी. आठ बार के ओलंपिक चैम्पियन भारत और पाकिस्तान के लिए यह करो या मरो का मुकाबला है क्योंकि दोनों पर 1971 में टूर्नामेंट के लांच के बाद पहली बार इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने का खतरा मंडरा रहा है.

टूर्नामेंट में अच्छी शुरुआत के बाद अब भारत की नजरें आगामी मैचों में इस लय को बरकरार रखने पर टिकी है. चोटों के कारण दानिश मुज्तबा, एसवी सुनील, गुरविंदर सिंह चांदी और अकाशदीप सिंह की चौकड़ी के बाहर होने के बाद मनदीप सिंह, नितिन थिमैय्या, मालक सिंह, रमनदीप सिंह और निकिन थिमैय्या की अनुभवहीन फारवर्ड पंक्ति ने कल ओमान के खिलाफ प्रभावित किया था.

युवा मनदीप ने ओमान के खिलाफ तीन मैदानी गोल दागे जबकि पदार्पण कर रहे रमनदीप और मालक ने भी प्रभावी प्रदर्शन किया. ओमान के खिलाफ जीत की सबसे अहम बात यह रही कि भारत ने पांच मैदानी गोल दागे. कप्तान सरदार सिंह की अगुआई में मिडफील्ड और फारवर्ड पंक्ति में सामंजस्य देखने को मिला जिससे ओमान के खिलाफ टीम ने काफी मौके बनाए.

टीम अब कोरिया के खिलाफ भी इसी रणनीति के साथ उतरेगी. टीम में हालांकि कुछ बदलाव हो सकते हैं जैसा कि अंतरिम कोच रोलैंट ओल्टमैंस ने संकेत दिया है. ओल्टमैंस ने ओमान के खिलाफ जीत के बाद कहा था, ‘‘रणनीति को देखते हुए (कोरिया के खिलाफ) कुछ बदलाव होंगे लेकिन मैं खुलासा नहीं करुंगा कि वे क्या होंगे.’’

डिफेंस हालांकि लंबे समय से भारत की परेशानी का सबब रहा है और ओमान के खिलाफ इनकी अच्छी परीक्षा नहीं हो पाई. ऐसे में यह देखना होगा कि वीआर रघुनाथ, रुपिंदर पाल सिंह, अमित रोहिदास, कोथाजीत सिंह, बीरेंद्र लाकड़ा और गुरमेल सिंह कोरिया के खिलाफ लगातार दबाव के बीच कैसा प्रदर्शन करते हैं.

ओमान के खिलाफ उप कप्तान और गोलकीपर पी आर श्रीजेश को काफी कुछ करने का मौका नहीं मिला था लेकिन कल कोरिया के खिलाफ उनकी असली परीक्षा होगी. आंकड़ों पर नजर डालें तो दोनों टीमों के बीच अब तक हुए मुकाबलों में कोरिया का पलड़ा भारी नजर आता है. कोरिया ने दोनों टीमों के बीच हुए 68 मैचों में से 30 में जीत दर्ज की जबकि 26 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. दोनों टीमों के बीच खेले गए 12 मैच बराबरी पर छूटे.

एशिया कप में हालांकि दो बार के चैम्पियन भारत का रिकार्ड बेहतर है. भारत ने इस टूर्नामेंट के आठ मैचों में कोरिया के खिलाफ पांच जीत दर्ज की जबकि दो बार उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा. एक मैच बराबरी पर छूटा.

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