पटियाला: एक बार की देरी और फिर कई तरह की अफवाहों के बाद भारतीय मुक्केबाज कल से यहां शुरु होने वाले तीन दिवसीय ट्रायल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके विश्व चैंपियनशिप के लिये राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की कोशिश करेंगे. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के निलंबित होने के कारण वे भारत के झंडे तले भाग नहीं ले पाएंगे लेकिन इसके बावजूद मुक्केबाज कजाखस्तान के अलमाटी में होने वाली चैंपियनशिप के लिये राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे.
इस बार विश्व चैंपियनशिप 11 से 27 अक्तूबर के बीच अलमाटी में होगी. भारत ने 2009 और 2011 की चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीते थे. भारत की भागीदारी अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ ( आइबा ) से हरी झंडी मिलने पर निर्भर है क्योंकि आईबीएफ के अस्थायी निलंबन के कारण विश्व संस्था टूर्नामेंट दर टूर्नामेंट के आधार पर देश के कार्यक्रम को मंजूरी दे रही है. कल होने वाले ट्रायल पहले 16 से 18 अगस्त के बीच होने थे लेकिन उन्हें स्थगित कर दिया गया जिसका स्पष्ट कारण आईबीएफ ने नहीं बताया.
स्टार मुक्केबाज विजेंदर सिंह के कुछ दिनों के अवकाश पर चले जाने से कयास लगाये जाने लगे थे कि विश्व चैंपियनशिप में पहला पदक जीतने वाला यह मुक्केबाज ट्रायल से हट सकता है. लेकिन इस मुक्केबाज ने ही आज शहर पहुंचकर इन अफवाहों को समाप्त कर दिया और वह कल से रिंग में उतरने के लिये तैयार है.विजेंदर ने कहा, ‘‘मैं इन ट्रायल्स के लिये अच्छी तरह तैयार हूं और उम्मीद है कि मैं टीम में रहूंगा.’’ विजेंदर के अलावा 52 किग्रा में एक अन्य मुक्केबाज सुरंजय सिंह पर भी निगाहें टिकी रहेंगी. सुरंजय 2010 . 11 में लगातार आठ स्वर्ण पदक जीतने के बाद घुटने की चोट से परेशान थे. एशियाई चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता ननाओ सिंह ( 49 किग्रा ) भी दावेदारों में शामिल हैं लेकिन उन्हें उदीयमान स्टार एल देवेंद्रो सिंह की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा.
देवेंद्रो पिछले साल लंदन ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने से लेकर शानदार फार्म में है. उन्होंने इस साल एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था.शिव थापा ( 56 किग्रा ) बहुत अच्छी फार्म में दिख रहे हैं. यह 19 साल का मुक्केबाज इस साल एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाला भारत का एकमात्र मुक्केबाज है. विजेंदर का भार वर्ग हालांकि अब भी रहस्य बना हुआ है. यह तय नहीं है कि वह 75 किग्रा में भाग लेंगे या 81 किग्रा में. लेकिन पता चला है कि संभावना है कि वह 75 किग्रा में ही बने रहेंगे। इसी भार वर्ग में वह दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज भी रह चुके हैं.ओलंपियन सुमित सांगवान 81 किग्रा भार वर्ग में प्रबल दावेदार हैं जबकि 91 किग्रा और 91 किग्रा से अधिक में मुकाबला कड़ा होगा.