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लंबे समय तक नंबर वन रहना कठिन : साइना नेहवाल

बेंगलूरु : भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल को एक बार फिर विश्व रैंकिंग में नंबर वन की पोजीशन मिल गयी है. कल जारी विश्व रैंकिंग में शीर्ष स्थान पाने के बाद साइना ने प्रतिक्रिया दी है कि नंबर वन विश्व रैंकिंग को बरकरार रखना आसान नहीं है लेकिन उसे लंबे समय तक शीर्ष पर काबिज […]

बेंगलूरु : भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल को एक बार फिर विश्व रैंकिंग में नंबर वन की पोजीशन मिल गयी है. कल जारी विश्व रैंकिंग में शीर्ष स्थान पाने के बाद साइना ने प्रतिक्रिया दी है कि नंबर वन विश्व रैंकिंग को बरकरार रखना आसान नहीं है लेकिन उसे लंबे समय तक शीर्ष पर काबिज रहने का यकीन है और वह इसके लिए अतिरिक्त प्रयास करने को तत्पर है.

साइना ने कहा , नंबर वन रैंकिंग बरकरार रखना आसान नहीं होगा लेकिन लोगों को समझना चाहिए कि मैं वहां तक पहुंचने वाली पहली भारतीय हूं. उसने कहा , यदि सब कुछ ठीक रहा और मैंने अच्छा अभ्यास जारी रखा तो मुझे यकीन है कि लंबे समय तक नंबर वन पर रह सकूंगी. लेकिन यह आसान नहीं होगा और मुझे काफी मेहनत करनी होगी. मुझे रोज ध्यान में रखना होगा कि मैं नंबर वन हूं और मुझे नंबर वन होने के नाते काफी मेहनत करनी है. मैं देश के लिए ज्यादा से ज्यादा खिताब जीतने की कोशिश करूंगी. यह पूछने पर कि नंबर वन की राह में उन्हें किस खिलाड़ी से चुनौती मिल सकती है , साइना ने चीन की लि शुरुई का नाम लिया.

उसने कहा ,मेरे लिए सभी खतरा है. मैं किसी एक का नाम नहीं ले सकती लेकिन लि शुरुइ सबसे बड़ा खतरा है क्योंकि दूसरों की तुलना में उसके पास कम टूर्नामेंट है और वह फिर शीर्ष पर काबिज हो सकती है.यह पूछने पर कि क्या नंबर वन बनने के बाद उनके पूर्व कोच पुलेला गोपीचंद ने उनसे बात की, साइना ने कहा कि टूर्नामेंटों के अलावा उनके बीच ज्यादा बातचीत नहीं होती.

उसने कहा , हम सिर्फ टूर्नामेंट के दौरान ही बात करते हैं. इसके अलावा ज्यादा बातचीत नहीं होती क्योंकि इतना समय ही नहीं होता. हम अभ्यास पर फोकस करते हैं. उसने कहा , इतने साल तक मेरे कोच होने के नाते उन्होंने मुझे कई अच्छी बातंे बतायी और शुभकामनाएं दी लेकिन जब आप अलग जगहों पर होते हैं तो मतभेद हो जाते हैं. ऐसे में पहले जैसा कोच या शागिर्द रहना आसान नहीं होता. वह अब अपना काम कर रहे हैं और मैं अपना लेकिन अहम यह है कि सब कुछ ठीक है.

यह पूछने पर कि कोच के रूप में गोपीचंद के साथ मतभेद की वजह क्या रही, साइना ने कहा कि कोर्ट के बाद की रणनीति कोर्ट पर कारगर साबित नहीं हो रही थी और वह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों से हार रही थी. उसने कहा , मैं नहीं कह सकती कि क्या हुआ लेकिन अभ्यास का कोई फायदा नहीं हो रहा था. हमने मेरे खेल पर बात की लेकिन कोई भी रणनीति असरदार साबित नहीं हो रही थी. मेरे खेल को कुछ अलग चाहिए था.

साइना ने कहा ,हर कोच खेल को बखूबी भांप नहीं सकता. कई बार कोच को पता नहीं चलता कि एक स्तर से दूसरे स्तर पर सुधार कैसे करना है. मैं एक स्तर पर अटक गयी थी. उसने अपनी ताजा उपलब्धियों का श्रेय बेंगलूरु में बसे कोच विमल कुमार को दिया. उसने कहा , विमल सर के साथ मुझे नतीजे मिले. मुझे फिर भी यकीन नहीं था कि मैं नंबर वन बनूंगी लेकिन उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया और कहा कि यदि मैं जीतती रही तो रैंकिंग खुद ब खुद बेहतर होगी.

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