निराशा को पीछे छोड़ने के लिये प्रतिबद्ध:गीता
नयी दिल्ली: ओलंपियन महिला पहलवान गीता फोगाट अपने पिछले विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक का रंग बदलने का लक्ष्य बनाये हैं, उन्होंने कहा कि वह हंगरी के बुडापेस्ट में 16 से 22 सितंबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में नये नियमों से थोड़ी चिंतित हैं.गीता ने कहा, ‘‘विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने का अहसास काफी […]
नयी दिल्ली: ओलंपियन महिला पहलवान गीता फोगाट अपने पिछले विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक का रंग बदलने का लक्ष्य बनाये हैं, उन्होंने कहा कि वह हंगरी के बुडापेस्ट में 16 से 22 सितंबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में नये नियमों से थोड़ी चिंतित हैं.
गीता ने कहा, ‘‘विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने का अहसास काफी शानदार था. और यह पदक ओलंपिक के बाद मिला था जिसमें मैं अच्छा नहीं कर पायी थी. मैं निश्चित रुप से आगामी प्रतियोगिता में अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहती हूं. चैम्पियनशिप में पदक विजेता के रुप में जाना निश्चित रुप से मुझे प्रेरित करेगा. लगातार दो पदक जीतना शानदार होगा. ’’इस 24 वर्षीय पहलवान हालांकि थोड़ी परेशान है क्योंकि सीनियर पहलवानों ने फीला द्वारा बाउट नियमों में किये बदलावों के बाद किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया है. फीला ओलंपिक अभियान में खेल की दोबारा वापसी के लिये जूझ रहा है. गीता 59 किग्रा वर्ग में भाग लेती हैं, उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम नये नियमों वाले टूर्नामेंट में खेल लिये होते तो यह बेहतर होता. दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ. ’’
गीता ने कहा, ‘‘’लेकिन हमारे पास बुडापेस्ट में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप से पहले दो हफ्ते ट्रेनिंग का समय है, जो काफी अहम होगा. लेकिन मुझे लगता है कि नये नियम हमारे पहलवानों के लिये फायदेमंद होंगे और हमें उम्मीद है कि आसानी से हम इनके अनुकूल हो जायेंगे. ’ भारतीय पहलवानों को राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप में नये नियमों के अंतर्गत खेलना था, जो ग्लास्गो में जुलाई में होनी थी लेकिन मेजबान ने तैयार नहीं होने का हवाला देते हुए इसकी मेजबानी करने से इनकार कर दिया. गीता ने कहा कि वह एशियाई चैम्पियनशिप की निराशा को पीछे छोड़ने के लिये प्रतिबद्ध हैं.