आईओए प्रमुख रामचंद्रन को हटाने की मुहिम तेज

नयी दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष एन रामचंद्रन को हटाने की मुहिम आज तेज हो गई जब दो राष्ट्रीय खेल महासंघों और दो राज्य ओलंपिक संघों ने आमसभा की विशेष बैठक बुलाकर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की. भारतीय बैडमिंटन संघ और माडर्न पेंटाथलन ने आईओए को पत्र लिखकर आमसभा की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2015 8:49 PM

नयी दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष एन रामचंद्रन को हटाने की मुहिम आज तेज हो गई जब दो राष्ट्रीय खेल महासंघों और दो राज्य ओलंपिक संघों ने आमसभा की विशेष बैठक बुलाकर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की.

भारतीय बैडमिंटन संघ और माडर्न पेंटाथलन ने आईओए को पत्र लिखकर आमसभा की विशेष बैठक बुलाने की मांग की ताकि रामचंद्रन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सके. बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य ओलंपिक संघों ने भी यही मांग की है.

हॉकी इंडिया, भारतीय बोलिंग महासंघ और झारखंड ओलंपिक संघ पहले ही रामचंद्रन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला चुके हैं और इस मसले पर मतदान के लिये आईओए की एसजीएम बुलाने की मांग की है. बाइ अध्यक्ष अखिलेश दासगुप्ता और महासचिव विजय सिन्हा ने आईओए अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा , आईओए संविधान के नियम आठ (एक) और (दो) के तहत भारतीय बैडमिंटन संघ आईओए अध्यक्ष एन रामचंद्रन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखता है.

उन्होंने कहा , हम आपसे आईओए की विशेष आम बैठक बुलाने की मांग करते हैं ताकि इस मसले पर मतदान हो सके. दासगुप्ता आईओए के उपाध्यक्षों में से एक हैं और उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष भी हैं. माडर्न पेंटाथलन के महासचिव नामदेव शिरगांवकर ने कहा कि उनके महासंघ ने भी रामचंद्रन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा है. शिरगांवकर ने कहा , हमने रामचंद्रन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा है. हम हॉकी इंडिया द्वारा शुरु की गई मुहिम का समर्थन करते हैं.

बिहार ओलंपिक संघ के सचिव और हॉकी इंडिया के महासचिव मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने भी पुष्टि की कि प्रदेश ईकाई ने आईओए प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग की है. ऐसे संकेत थे कि महाराष्ट्र, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार ओलंपिक संघ भी रामचंद्रन को हटाने की मुहिम का हिस्सा बन सकते हैं लेकिन अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. आईओए संविधान के तहत अगर दो तिहाई सदस्य मौजूद हों और मतदान करें तो अध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष और कार्यकारी परिषद के सदस्यों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो सकता है.

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