काठमांडो : मौजूदा चैंपियन भारत को कल यहां सैफ फुटबाल चैंपियनशिप के दूसरे सेमीफाइनल में मालदीव की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा और उसे इस मैच में जीत दर्ज करने के लिये हर हाल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा.छह बार के चैंपियन भारत को दक्षिण एशियाई क्षेत्र में खिताब का प्रबल दावेदार माना जाता रहा है लेकिन विम कोवरमैन्स की कोचिंग वाली वर्तमान टीम ने अभी तक इस टूर्नामेंट लचर प्रदर्शन किया है. पाकिस्तान के खिलाफ वह एक गोल से जीती. इसके बाद उसने बांग्लादेश के खिलाफ 1-1 से ड्रा खेला जबकि नेपाल के हाथों उसे लीग चरण के अंतिम मैच में 1-2 की शर्मनाक हार ङोलनी पड़ी.
खराब फार्म से जूझ रही भारतीय टीम को कप्तान सुनील छेत्री के बाहर होने से एक और झटका लगा है. दो बार पीले कार्ड मिलने का मतलब है कि वह इस मैच में नहीं खेल पाएंगे और ऐसे में कोवरमैन्स के पास फारवर्ड लाइन में कम विकल्प रह जाते हैं. उन्होंने रोबिन सिंह के साथ शुरुआत करनी होगी और जेजे लालपेखलुवा को रखना होगा जो फार्म में नहीं हैं.
यह देखना होगा कि कोवरमैन्स 4-5-1 यानि एक स्ट्राइकर के साथ उतरने की रणनीति पर बने रहते हैं या फिर रोबिन के साथ जेजे को उतारकर 4-4-2 की रणनीति के साथ चलते हैं.
दूसरी तरफ भारत ने तीन मैचों में तीन गोल किये हैं जिसमें पाकिस्तानी कप्तान समर इशाक का किया गया आत्मघाती गोल भी शामिल है. बांग्लादेश के खिलाफ छेत्री का फ्री किक पर किया गोल और नेपाल के सैयद रहीम नबी का गोल दोनों अंतिम क्षणों में किये गये.
छेत्री की अनुपस्थिति में गौरमांगी सिंह को टीम का नेतृत्व करने का मौका मिल सकता है क्योंकि उन्होंने वर्तमान टीम में सबसे अधिक 84 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अनुभवहीन अर्णब मंडल से बेहतर प्रदर्शन कैसे करवाएंगे क्योंकि वह यहां क्लब जैसा प्रदर्शन नहीं कर पाये हैं.
मंडल ने रक्षापंक्ति में कुछ बड़ी गलतियां की है और उनके सीनियर साथी गौरमांगी को उन्हें प्रेरित करना होगा. भारत की अग्रिम पंक्ति का प्रदर्शन चिंता का विषय है लेकिन मध्यपंक्ति में भी अब तक अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. अनुभवी मेहताब हुसैन और लेनी रोड्रिग्स अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये हैं.
युवा फ्रांसिस फर्नाडिस ने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन रक्षापंक्ति में उनके साथी निर्मल छेत्री की सुस्ती समस्या बनी हुई है. निर्मल यदि आगे बढ़ते हैं तो उन्हें वापस अपनी जगह संभालने के लिये मशक्कत करनी पड़ती है. नेपाल के स्ट्राइकरों ने अपनी तेजी से ही दूसरा गोल दागा था.