ब्यूनस आयर्स:कुश्ती ने बेसबॉल-सॉफ्टबॉल और स्क्वॉश को मात देकर ओलिंपिक खेलों में वापसी कर ली है. अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आइओसी) के 125वें सत्र के दूसरे दिन रविवार को वोटिंग के जरिये यह फैसला हुआ. वोटिंग में कुश्ती को सबसे ज्यादा 49 मत मिले. बेसबॉल-सॉफ्टबॉल को 24 और स्क्वॉश को 22 मत मिले. अब कुश्ती कम से कम 2024 तक ओलिंपिक में शामिल रहेगी. आइओसी ने गत फरवरी में कुश्ती को ओलिंपिक रोस्टर से बाहर कर दिया था. इसके बाद कुश्ती को वापसी के लिए सात अन्य खेलों के साथ होड़ करना पड़ा. वोटिंग के फाइनल राउंड के लिए तीन खेल शॉर्ट कुश्ती, बेसबॉल-सॉफ्टबॉल व स्क्वॉश को शॉर्ट लिस्ट किया गया था.
आइओसी के 125वें सत्र में वोटिंग के जरिये हुआ फैसला
भारतीय खेल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर. कुश्ती ने बेसबॉल-सॉफ्टबॉल और स्क्वॉश को करारी पटखनी देते हुए 2020 ओलिंपिक में अपनी जगह पक्की कर ली. अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आइओसी) के 125वें सत्र के दूसरे दिन वोटिंग के जरिये यह फैसला हुआ. वोटिंग में कुश्ती को सबसे ज्यादा मत मिले. गौरतलब है कि आइओसी ने टीवी रेटिंग में कमी आने और ओलिंपिक के दौरान टिकट बिक्री घटने को आधार बनाकर गत फरवरी में कुश्ती को ओलिंपिक रोस्टर से बाहर कर दिया था. कुश्ती वर्ष 1900 में हुए ओलिंपिक को छोड़कर हर बार इस खेल महाकुंभ का हिस्सा रहा है.
खिलाड़ी, नेता, अभिनेता सबका समर्थन
कुश्ती को भारत, रूस, बेलारूस, अमेरिका के खिलाड़ियों विशेषकर पहलवानों, नेताओं और अभिनेताओं का जोरदार समर्थन मिला. वोटिंग से पहले कुश्ती की अंतरराष्ट्रीय संस्था फिला ने जोरदार प्रचार-प्रसार किया. भारत के स्टार पहलवानों सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने मुखर होकर आवाज उठायी. हॉलीवुड एक्टर विलियम बाल्डविन ने भी गत शुक्रवार को कुश्ती का समर्थन किया. आक्रामक प्रचार नीति के कारण फिला को आइओसी की फटकार भी लगी लेकिन यह आखिरकार कारगर साबित हुई और कुश्ती ओलिंपिक में वापस लौटी.
अमेरिकी खेल बनकर रह गया बेसबॉल
बेसबॉल ने अपनी संभावनाएं बढ़ाने के लिए सॉफ्टबॉल के साथ मिलकर एक संघ बना लिया. लेकिन इस खेल पर लगा अमेरिकी स्पोर्ट्स का चस्पा इसके खिलाफ गया. बेसबॉल वैसे तो दुनिया के कई देशों में खेला जाता है लेकिन इसकी जैसी लोकप्रियता अमेरिका में है, वैसी और कहीं नहीं है. अमेरिकी समर्थक देशों ने भी इसका समर्थन नहीं किया.
स्क्वॉश के काम न आया सेलिब्रिटी सपोर्ट
स्क्वॉश ने आइओसी सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए जमकर गोलबंदी की थी. इस क्रम में उसने टेनिस सुपर स्टार रोजर फेडरर और एंडी मरे का समर्थन भी हासिल किया. कुछ भारतीय क्रिकेट सितारे भी ट्विटर के जरिये स्क्वॉश के सपोर्ट में आए. लेकिन कुश्ती की ताकत के आगे स्क्वॉश वोटिंग में पानी भी नहीं मांग सका.
26वें खेल के तौर पर इंट्री
2020 ओलिंपिक के लिए 25 खेल पहले से ही शॉर्ट लिस्ट थे. कुश्ती को 26वें खेल के रूप में इंट्री मिली है. शुरुआत में इस एक जगह के लिए आठ खेल होड़ में थे. इसमें कुश्ती, बेसबॉल-सॉफ्टबॉल, कराटे, स्क्वॉश, रॉलर स्पोर्ट्स, स्पोर्ट क्लाइंबिंग, वेकबोर्डिग और वुशु शामिल थे. बाद में फाइनल वोटिंग के लिए कुश्ती, बेसबॉल-सॉफ्टबॉल और स्क्वॉश को शॉर्ट लिस्ट किया गया था.
भारतीय विश्वास की जीत:सुशील कुमार
कुश्ती को ओलिंपिक से बाहर किये जाने पर मुङो गहरा झटका लगा था. लेकिन, यह यकीन भी था कि हमारा खेल जोरदार वापसी करेगा. मुङो खुशी है कि आइओसी के सदस्यों ने कुश्ती की ताकत और लोकप्रियता को पहचाना और इसे फिर से खेल महाकुंभ का हिस्सा बनाया. यह दुनियाभर के कुश्ती प्रेमियों विशेष कर भारत के लिए राहत की खबर है. इस खेल में हमारा गौरवशाली इतिहास रहा है. यह हमारी समृद्ध संस्कृति का हिस्सा है. ओलिंपिक में भारत को पहला व्यक्तिगत मेडल भी कुश्ती में ही मिला था. मैं कह सकता हूं पूरे भारतवर्ष को कुश्ती के दोबारा ओलिंपिक में शामिल होने का विश्वास था. कुश्ती की यह जीत सही मायनों में भारतीय विश्वास की जीत है. भारतीय कुश्ती ने हाल के समय में नये मुकाम हासिल किए हैं.
पिछले दो ओलिंपिक खेलों में हमने कुश्ती में तीन पदक जीते हैं. 2016 ओलिंपिक में हम कम से कम पांच पदक जीतने का लक्ष्य बनाया है. 2020 तक हो हम कुश्ती में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल होंगे. हालिया सफलता की वजह से युवाओं में कुश्ती का क्रेज बढ़ा है. ओलिंपिक से बाहर किये जाने पर इस खेल को जो झटका लगा था, उसकी अब भरपाई हो सकेगी. ओलिंपिक में कुश्ती की वापसी पर हर पहलवान को शुभकामनाएं और हर भारतवासी को बधाई.
(जैसा उन्होंने प्रभात खबर संवाददाता को फोन पर बताया)
ओलिंपिक कुश्ती में भारत के पदक