नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय आने वाले दिनों में 2010 में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान परियोजनाओं से जुड़ी निजी कंपनियों को सेवाकर मांग नोटिस जारी कर सकता है. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच में इन कंपनियों के खिलाफ कर चोरी के मामले सामने आये हैं.
खेलों के दौरान कम से कम 37 सरकारी विभागों ने सार्वजनिक धन से चलाई गई 9,000 परियोजनाओं पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च किये. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सीवीसी राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़ी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों की जांच कर रहा है. जांच पड़ताल के दौरान सीवीसी को परियोजनाओं को पूरा करने में करीब 1,000 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला है.
इनमें कुछ कंपनियों को व्यक्तियों को जल्द ही वित्त मंत्रालय से कर मांग नोटिस जारी किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय पहले ही 240 करोड़ रुपये की कर मांग का नोटिस जारी कर चुका है और उनसे 67.33 करोड़ रुपये की कर प्राप्ति भी हुई है.
सीवीसी ने श्रम विभाग के संपर्क में भी है. कर्मचारी कल्याण पर खर्च होने वाली राशि पर सेस की मद में करोड़ों रुपये की कर चोरी की वसूली के लिये विभाग को कहा गया है. निजी कंपनियों से पहले ही 41.80 करोड़ रुपये इस मद में वसूले जा चुके हैं.