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विश्व फुटबॉल के बादशाह सेप ब्लैटर के बारे में जानिए 10 रोचक तथ्य
इंटरनेट डेस्क विश्व फुटबॉल की दुनिया के बादशाह सेप ब्लैटर ने एक बार फिर दुनिया के इस सबसे लोकप्रिय खेल की बादशाहत हासिल कर ली है. सेप ब्लैटर ने पांचवी बार फीफा के अध्यक्ष पर कब्जा तमाम तरह के विरोधों के बावजूद जमाया है. विवाद, तीखे विरोध और अमेरिका द्वारा उनकी विजयश्री को रोकने की […]
इंटरनेट डेस्क
विश्व फुटबॉल की दुनिया के बादशाह सेप ब्लैटर ने एक बार फिर दुनिया के इस सबसे लोकप्रिय खेल की बादशाहत हासिल कर ली है. सेप ब्लैटर ने पांचवी बार फीफा के अध्यक्ष पर कब्जा तमाम तरह के विरोधों के बावजूद जमाया है. विवाद, तीखे विरोध और अमेरिका द्वारा उनकी विजयश्री को रोकने की हर मशक्कत करने के बावजूद वे शुक्रवार को फिर फीफा के अध्यक्ष बन गये. सेप ब्लैटर ने फुटबॉल अधिकारियों के खिलाफ अमेरिकी एजेंसी की जांच को हैट कैंपन बताकर तीखा विरोध जताया. आमने-सामने की इस लडाई के बावजूद अमेरिका ब्लैटर के विजय रथ को रोक नहीं पाया. यहां तक की उनके प्रतिद्वंद्वी प्रिंस अली बिन अल हुसैन ने आखिरी वक्त में मैदान छोड दिया.
जानिए, विश्व फुटबॉल के बॉस सेप ब्लैटर के बारे में दस अहम तथ्य :
1. 70 वर्षीय सेप ब्लैटर अपने शुरुआती जीवन में वेडिंग सिंगर थे यानी शादी समारोह में गाने वाले शख्स. बाद में वे खेल विषयों पर लिखने लगे. बाद में उन्होंने एक संस्था के लिए पीआर वर्क भी किया.
2. सेप ब्लैटर 40 सालों से फुटबॉल से जुडे हुए हैं. उन्होंने विश्व फुटबॉल में तेजी से अपनी जगह बनायी. 1998 से वे लगातार फीफा के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं. तमाम विरोध के बावजूद वे अपने पद से अबतक नहीं डिगे हैं.
3. सेप ब्लैटर का जन्म स्विटजरलैंड के पिछडे इलाके विस्प में हुआ था. उनके शुरुआती दिन बहुत आसान नहीं थे. अपने युवावस्था के दिनों में वे फल व सब्जी उपजाने का काम करते थे, जिसे बाजार में बेच कर वे परिवार में कुछ हद तक आर्थिक योगदान करते थे.
4. ब्लैटर एक स्वीस कंपनी में स्पोर्ट टाइमिंग डिवाइस व घडी बनाने वाली कंपनी में डिपार्टमेंटल डायरेक्टर के रूप में आरंभ में काम करते थे. यहां उन्हें 1972 व 1976 में ओलिंपिक गेम के लिए टाइमिंग फेसीलीटी डेवलप करने का मौका मिला. यहीं से उनका फीफा से संपर्क हुआ. इसके बाद वे 39 साल की उम्र में 1975 में टेक्नीकल डायरेक्टर के रूप में जुडे. फिर 1981 में महासचिव बन गये. महासचिव के बद पर भी वे तबतक कायम रहे, जब तक अध्यक्ष नहीं बन गये. 1998 में वे अध्यक्ष बने.
5. सेप ब्लैटर ने अबतक तीन शादियां की हैं. फिलहाल उनके रिश्ते उनकी गर्लफ्रेंड लिंडे बरास से है. उन्होंने पहली शादी एक लिलेन बिनर नाम की एक स्थानीय महिला से की थी. इस शादी से उन्हें एक बेटी हुई. बाद में तलाक हो गया. उन्होंने दूसरी शादी बारबरा केसर से की, जो उनसे उम्र में 30 साल छोटी थीं. बारबरा केसर फीफा के पूर्व महासचिव हेलमुट केसर की बेटीं थीं. जब इन दोनों ने शादी से हेलमुट केसर नाराज थे और वे उसमें शामिल भी नहीं हुए. यह शादी दस साल चली. पर, इसके बाद ब्लैटर के रिश्ते ललोना बोगुस्का से बने, जो उनकी बेटी की दोस्त थीं. यह संबंध सात साल चला. उसके बाद उन्होंने डॉलफिन थेरेपिस्ट ग्रेजिला बिएनका से शादी की और वे उनकी तीसरी बीवी बनी.
6. उन्हें अपने फीफा अध्यक्ष के रूप में सलाना 1.7 मिलियन पाउंड सेलरी मिलती है. साथ ही वे छह अंकों में ल्वॉयल्टी बोनस भी पाते हैं.
7. वे अपने बयानों व विवादित बयानों दोनों को लेकर चर्चा में रहते हैं. एक बार उन्होंने खुद को पहाडी बकरी बताया था, जो हमेशा पहाड पर चढता रहता है, चढता रहता है, चढता रहता है, कभी नहीं रूकता. उनके अनुसार, वे भी उसी तरह हमेशा चल रहे हैं.
8. हाल के दिनों में भ्रष्टाचार के आरोपों में फीफा के अधिकारियों की हुई गिरफ्तारी को लेकर चर्चा में रहे. मीडिया में यह भी अटकलें लगायी गयीं कि वे भी गिरफ्तार हो सकते हैं. हालांकि उन्होंने उन खबरों का खंडन किया कि वे गिरफ्तारी से बचने के लिए अमेरिका नहीं जा रहे हैं. अमेरिका में फुटबॉल में भ्रष्टाचार को लेकर अभियोग चल रहा है.
9. युवा ब्लैटर एक होनहार फुटबॉल खिलाडी भी थे. वे आज जिस तरह विश्व फुटबॉल के बादशाह माने जाते हैं, उसी तरह युवावस्था में मैदान में भी वे एक खिलाडी के रूप में फुटबॉल के राजा माने जाते थे. उन्हें स्वीस टीम से ऑफर भी मिला था. पर, उनके पिताजी इसके समर्थन में नहीं थे और उन्होंने इसके लिए पैसे खर्च करने से भी इनकार कर दिया.
10. इस तरह एक संभावनाशील फुटबॉलर के कैरियर पर ब्रेक लग गया. सेप ब्लैटर के पिता चाहते थे कि उनके बच्चे एकेडमिक रूप से आगे बढें. अच्छे यूनिवर्सिटी में उंची शिक्षा पायें. ब्लैटर ने पिता की इस इच्छा को पूरा किया, हालांकि विश्वविद्यालय में भी उन्होंने फुटबॉल खेला. उन्होंने लाउसेनी विश्वविद्यालय से बिजनेस में ग्रेजुएशन किया. ब्लैटर एक प्रतिभाशाली छात्र थे और कम से कम चार भाषाओं को विश्वविद्यालय के समय से ही जानते हैं. उन्होंने स्वीस मिलिट्री में भी नौकरी की है.
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