फीफा पर संकट, भ्रष्टाचार की चंगुल में फंसा !
विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय खेलों में शुमार फुटबॉल के वैश्विक संगठन द फेडरेशन इंटरनेशल डि फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिसके कारण फीफा के दो उपाध्यक्षों सहित सात अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है. इनपर 15 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. इस मामले के सामने आने के बाद फीफा अध्यक्ष […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
June 3, 2015 4:20 PM
विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय खेलों में शुमार फुटबॉल के वैश्विक संगठन द फेडरेशन इंटरनेशल डि फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिसके कारण फीफा के दो उपाध्यक्षों सहित सात अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है. इनपर 15 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. इस मामले के सामने आने के बाद फीफा अध्यक्ष सेप ब्लाटर पर इस बात के लिए दबाव बनाया जाने लगा था कि वे फीफा अध्यक्ष का चुनाव न लड़ें. चूंकि अध्यक्ष का चुनाव इस गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों के बाद होने वाला था. बावजूद इसके सेप ब्लाटर ने चुनाव लड़ा और विजयी भी हुए. पिछले सप्ताह शुक्रवार 29 मई को सेप ब्लाटर फीफा के अध्यक्ष चुने गये और मंगलवार दो जून को उन्होंने इस्तीफा दे दिया. सेप ब्लाटर का यह कदम कई सवाल खड़े करता है. भले ही वे अब यह कह रहे हैं कि उन्हें पूरी दुनिया का समर्थन नहीं मिला और फीफा में बदलाव की जरूरत है इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है, लेकिन सच्चाई कुछ और भी हो सकती है.
विश्वकप 2022 की मेजबानी है सवालों के घेरे में
ऑस्ट्रेलिया फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष फ्रैंक लोय ने कहा है कि विश्वकप 2022 की मेजबानी का दिया जाना विवादों से परिपूर्णथा. इस विश्वकप की मेजबानी के लिए ऑस्ट्रेलिया ने काफी कोशिश की थी, उसनेटेंडर पर 10 लाख अमेरिकी डॉलर खर्च किये, लेकिन उसे सिर्फ एक वोट मिला और कतर के साथ साथ अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया को इसकी मेजबानी के लिए चुना गया.
क्या मेजबानी के लिए फीफा के अधिकारी ले रहे थे रिश्वत
चूंकि विश्वकप 2022 की मेजबानी सवालों के घेरे में है, इसलिए यहां एक सवाल यह भी उठ रहा है, क्योंकि फीफा के अधिकारियोंपर रिश्वतखोरी का आरोप लगा है और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया है,क्या फीफा के अधिकारी रिश्वत लेकर देशों को मेजबानी दे रहे थे. चूंकि फुटबॉल विश्व में काफी लोकप्रिय है अत: मेजबानी करके देश करोड़ों कमा सकते थे.
फीफा अध्यक्ष की भूमिका भी है संदिग्ध
जिस संगठन में भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त हो, उस संगठन के अध्यक्ष को उसकी भनक तक न हो, यह बात गले नहीं उतरती है. अब जबकि सेप ब्लाटर ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, उनकी भूमिका और भी संदिग्ध हो जाती है. अब चूंकि जांच शुरू हो गयी है, इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए की सच सामने आयेगा.
खेल जगत भी भ्रष्टाचार की चंगुल में
अब तक यह माना जाता था कि खेल जगत कम से कम भ्रष्टाचार से दूर है. कुछ आरोप उपेक्षा के भले ही लगते थे, लेकिन भ्रष्टाचार के नहीं. लेकिन जब भारत में आईपीएल की शुरुआत हुई तो स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया और इस मामले में बीसीसीआई के अध्यक्ष पर भी अंगुली उठी. हालांकि कानून ने एन श्रीनिवासन को इसकी सजा दी है, लेकिन इस पूरे प्रकरण से खेल जगत दागदार हो गया और लोगों की रुचि खेल से घटने लगी. मैच देखते वक्त एक आशंका जागने लगी कि कहीं यह मैच फिक्स तो नहीं है. उसी तरह अब जबकि फुटबॉल के वैश्विक संगठन फीफा पर भ्रष्टाचार के दाग लगे है, पता नहीं क्रिकेट प्रेमियों पर इसका कितना असर पड़ेगा.