पेरिस : चेक गणराज्य की लूसी सफारोवा ने फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट के महिला एकल सेमीफाइनल में पूर्व चैम्पियन सर्बिया की अना इवानोविच को सीधे सेटों में हराकर पहली बार किसी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई.
चेक गणराज्य की 13वीं वरीय 28 वर्षीय सफारोवा ने सेमीफाइनल में 7-5, 7-5 से जीत दर्ज की. वह शनिवार को होने वाले फाइनल में अमेरिका की शीर्ष वरीय सेरेना विलियम्स और स्विट्जरलैंड की 23वीं वरीय टिमिया बासिंज्की के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल की विजेता से भिड़ेंगी.
वर्ष 1981 में हाना मांदलिकोवा के पेरिस में खिताब जीतने के बाद सफारोवा फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाने वाली चेक गणराज्य की पहली महिला खिलाडी हैं. इससे पहले फ्रेंच ओपन में सफारोवा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2007 और 2014 में प्री क्वार्टर फाइनल में जगह बनाना था.
अपने तीसरे मैच प्वाइंट पर जीत दर्ज करने के बाद सफरोवा ने कहा, यह सपना सच होने की तरह है. मैं अब भी विश्वास नहीं कर पा रही हूं. वर्ष 2008 में 20 साल की उम्र में रोलां गैरो पर चैम्पियन बनी इवानोविच को सेमीफाइनल के सफर के दौरान कड़ी टक्कर मिली थी जबकि सफरोवा ने एक भी सेट नहीं गंवाया. जर्मनी की विश्व कप विजेता फुटबॉल टीम के सदस्य बास्टियन श्वेनस्टीगर इवानोविच के मैच को देखने के लिए मौजूद थे और इस सर्बियाई खिलाड़ी ने मजबूत शुरुआत की. इवानोविच ने दूसरे गेम में सफारोवा की सर्विस तोड़कर पहले सेट में 3-0 की बढ़त बनाई.
इस साल टूर्नामेंट के सबसे गर्म दिन हालांकि सफारोवा ने वापसी की जब उन्होंने नौवें गेम में इवानोविच की सर्विस तोड़ दी. सफारोवा ने इवानोविच की गलतियों का फायदा उठाकर लगातार चार गेम जीते और फिर पहला सेट अपने नाम किया. सफारोवा ने इसके बाद दूसरा सेट भी जीतकर मुकाबला अपने नाम किया. सफारोवा अब उम्मीद कर रही होंगी कि फाइनल में उनका सामना सेरेना से नहीं हो जिनके खिलाफ उन्होंने अब तक आठों मैच गंवाए हैं.