नयी दिल्ली: उभरते हुए बैडमिंटन खिलाड़ी आरएमवी गुरुसाईदत्त का मानना है कि लंदन ओलंपिक खेल 2012 के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने की पारुपल्ली कश्यप की उपलब्धि ने भारतीय में पुरुष एकल वर्ग का परिदृश्य बदला दिया. इस खिलाड़ी ने साथ ही कहा कि वह इस साल शीर्ष 15 में जगह बनाना चाहते हैं.कश्यप पिछले साल ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी बने थे. गुरुसाईदत्त ने कहा कि कश्यप के प्रदर्शन ने साथी खिलाड़ियों के मन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने का आत्मविश्वास जगाया.
गुरुसाईदत्त ने कहा, ‘‘पुरुष एकल हमेशा से ही प्रकाश (पादुकोण) सर और गोपी (पुलेला गोपीचंद) सर और अरविंद, चेतन और अनूप जैसे सीनियर खिलाड़ियों के कारण आकर्षण का केंद्र रहा. लेकिन अचानक एक ऐसा समय आ गया जब शीर्ष 20 में कोई शामिल नही था. लेकिन मुङो लगता है कि लंदन ओलंपिक में कश्यप के प्रदर्शन ने सब कुछ बदल दिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसने स्तर को बढ़ाया. हमने कश्यप को ट्रेनिंग करते हुए देखा और अकादमी में उसके खिलाफ खेले. उसने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया. इसलिए मैंने भी अपने आप पर विश्वास करना शुरु किया और धीरे धीरे खिलाड़ियों की संख्या एकसे बढ़कर दो और दो से बढ़कर चार हो गई. यह उसका प्रदर्शन था जिसने भारतीय पुरुष एकल का परिदृश्य बदला.’’