नयी दिल्ली : एनबीए में चुने जाने वाले पहले भारतीय बने सतनाम सिंह भामरा ने आज कहा कि इससे भारत के अन्य बास्केटबाल खिलाडियों के लिये अमेरिका की इस उच्च स्तर की लीग में खेलने के लिये दरवाजे खुल सकते हैं. राष्ट्रीय बास्केटबाल संघ (एनबीए) सर्किट में खेलने के लिये सतनाम को ट्रेनिंग के लिये फ्लोरिडा जाना है.
19 साल के सतनाम का मानना है कि उसका बडा सपना सच होने जा रहा है. अमेरिका से क्रांफ्रेस काल के जरिये भारतीय पत्रकारों से बात करते हुए सतनाम ने कहा,’ मेरा एनबीए में खेलना अन्य भारतीय बास्केटबाल खिलाडियों के लिये रास्ता बनायेगा जो किसी भी भारतीय खिलाडी का सपना होता है.’
उन्होंने कहा,’ कम से कम युवा खिलाडी अब यह कह सकते हैं हमारे देश का एक खिलाडी एनबीए में खेल रहा है. आगे आने वाले समय में बास्केटबाल खेल भारत में और तरक्की करेगा. अभी जिस तरह क्रिकेट के लोग दिवाने है आगे आने वाले समय में बास्केटबाल को भी इतना ही पसंद करेंगे.’ पंजाब के लुधियाना के पास एक गांव बालोके के सात फुट दो इंच के सतनाम का चयन एबीए की दूसरी सूची में 52वें ड्राफ्ट में हुआ.
एनबीए के लिये चुने जाने से पहले के बारे में सतनाम ने बताया,’ नींद तो गायब हो गयी थी. यहां तक कि उत्सुकता के कारण मैं खाना भी नहीं खा पाया लेकिन मुझे लगता था कि मैं मुख्य एनबीए में अपनी जगह बना सकूंगा.’ आइएमजी और रिलायंस छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत किसान परिवार में जन्में सतनाम सितंबर 2010 में अमेरिका गये थे. 110 किलो के सतनाम ने अपने परिवार को उनका सपना साकार करने मदद करने के लिये धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा,’ मैं अपने घर टेलीफोन नहीं कर पाता हूं लेकिन स्काइप के जरिये बात हो जाती है. मै उन खिलाडियों और खासकर अपनी मां का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझे अमेरिका तक पहुंचने में मदद की. मै अपनी बहन और अपने पहले कोच सुब्रमणियम का धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने मेरे अंदर विश्वास पैदा किया और आगे बढने के लिये प्रेरित किया.’ सतनाम पिछले पांच साल से फ्लोरिडा में अन्य 39 देशों से आये खिलाडियों के साथ अभ्यास कर रहे हैं.