आईओए अध्यक्ष ने एसजीएम बुलाने की बत्रा की मांग खारिज की

नयी दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ के प्रमुख एन रामचंद्रन ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिये पर्याप्त समर्थन के नरिंदर बत्रा के दावे को खारिज करते हुए कहा कि हाकी इंडिया के अध्यक्ष के पास इतना भी समर्थन नहीं है कि वे विशेष आम बैठक बुलवा सकें. रामचंद्रन ने बत्रा को भेजे पत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2015 1:20 AM

नयी दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ के प्रमुख एन रामचंद्रन ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिये पर्याप्त समर्थन के नरिंदर बत्रा के दावे को खारिज करते हुए कहा कि हाकी इंडिया के अध्यक्ष के पास इतना भी समर्थन नहीं है कि वे विशेष आम बैठक बुलवा सकें.

रामचंद्रन ने बत्रा को भेजे पत्र में कहा कि उन्हें आईओए की केवल 20 सदस्य इकाईयों (राष्ट्रीय खेल महासंघों और राज्य ओलंपिक संघों) के पत्र मिले जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिये विशेष आम बैठक बुलाने की मांग की है और यह संख्या जरुरी 50 प्रतिशत से कम है. उन्होंने कहा कि इस मामले को अब समाप्त समझा जाना चाहिए क्योंकि बत्रा जरुरी संख्या में समर्थन जुटाने में नाकाम रहे.

आईओए की वेबसाइट के अनुसार 39 एनएसएफ और 35 राज्य ओलंपिक इकाईयां उसके सदस्य हैं. इनमें से कुछ को लेकर विवाद है. बत्रा ने 19 एनएसएफ और 18 राज्य ओलंपिक संघों के समर्थन का दावा किया था. रामचंद्रन ने पत्र में कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपने अविश्वास प्रस्ताव पर विचार के लिये एसजीएम बुलाने के लिये सदस्य इकाईयों से मिले जिन पत्रों का दावा किया था आप उन्हें मेरे समक्ष पेश करने में नाकाम रहे. इसके बजाय आपने 24 जून 2015 को अपने दो ई मेल से झूठे और आधारहीन आरोप लगाने का रास्ता चुना.

रामचंद्रन ने आगे लिखा, आईओए कार्यालय और मुझे आज तक जितने पत्र मिले उनकी संख्या 20 से अधिक नहीं है. नियम साफ तौर पर कहते हैं कि अध्यक्ष को इकाई के प्रमुख और सचिव द्वारा हस्ताक्षर वाले लिखित पत्र भेजे जाने चाहिए और इन इकाईयों की संख्या 50 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ऐसी परिस्थितियों में एसजीएम नहीं बुलायी जा सकती है और इसलिए जितने भी पत्र मिले हैं वे अमान्य हो गये हैं. कृपया इस अध्याय को समाप्त समझें. रामचंद्रन ने 22 जून को भेजे पत्र में बत्रा से उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग करने वाले समर्थन संबंधी पत्र 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने को कहा था ताकि वह इस मसले पर फैसला कर सकें. रामंचद्रन ने बत्रा पर आईओए के कामकाज में व्यवधान डालने और संगठन की साख को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगाया.

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