हमारा लक्ष्य ओलंपिक से पहले शीर्ष 10 में शामिल होना : अश्विनी

मुंबई : कनाडा ओपन में ज्वाला गुट्टा के साथ मिलकर खिताब जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा ने आज कहा कि भारत की इस स्टार युगल जोड़ी का लक्ष्य अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के दौरान शीर्ष 10 में जगह बनाना है. अश्विनी ने यहां एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2015 10:26 PM

मुंबई : कनाडा ओपन में ज्वाला गुट्टा के साथ मिलकर खिताब जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा ने आज कहा कि भारत की इस स्टार युगल जोड़ी का लक्ष्य अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के दौरान शीर्ष 10 में जगह बनाना है.

अश्विनी ने यहां एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, युगल में शीर्ष 16 जोडियां क्वालीफाई करेंगी और हमें शीर्ष 13 में जगह बनानी होगी. आदर्श स्थिति में हम शीर्ष 10 में जगह बनाना चाहते हैं. क्वालीफिकेशन की प्रक्रिया इस मई में शुरु हुई और अगले साल मई में खत्म होगी. कुछ टूर्नामेंट बचे हैं लेकिन अंतिम लम्हों तक कुछ भी हो सकता है. अब भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है.

इस स्टार युगल खिलाड़ी ने कहा, जब हमने पिछली बार ओलंपिक (लंदन 2012) के लिए क्वालीफाई किया था तो हमें इंडियन ओपन तक इंतजार करना पड़ा था और अगर हम क्वार्टर फाइनल में हार जाते तो क्वालीफाई नहीं कर पाते. ज्वाला और अश्विनी की मौजूदा विश्व रैंकिंग 13वीं हैं और उनका पहला बड़ा टूर्नामेंट इंडोनेशिया के जकार्ता में अगले महीने होने वाली विश्व चैम्पियनशिप है. अश्विनी ने कहा कि यहां उनकी जोड़ी दूसरा पदक जीतने की कोशिश करेगी.

अश्विनी ने कहा, मैं विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतना चाहूंगी. हां, हमने इससे पहले (2011 में) पदक (कांस्य) जीता था. और अब ज्वाला और मैं एक और पदक जीतने की दिशा में काम कर रहे हैं. बेंगलुरु की अश्विनी ने विशेषज्ञ युगल कोच मलेशिया के टैन किम की कथित नियुक्ति का स्वागत किया लेकिन कहा कि वह युगल खिलाडियों के लिए अलग शिविर चाहती हैं जिसका आयोजन एकल खिलाडियों से अलग किया जाए.

उन्होंने कहा, मुझे स्थिति नहीं पता (टैन किम को नियुक्त करने के भारतीय बैडमिंटन संघ के कथित कदम की). बेशक अगर अलग कोच होगा तो हमें मदद मिलेगी लेकिन युगल खिलाडियों के लिए अलग केंद्र में अलग शिविर से भी मदद मिलेगी. अश्विनी ने कहा, ज्वाला और मैं अलग अलग शहरों में ट्रेनिंग करते हैं. हम फिजियो, ट्रेनर जैसी अतिरिक्त चीजों के लिए भुगतान करते हैं जबकि अन्य एकल खिलाडियों की अपनी सहायक टीम है. यह काफी खर्चीला है. बिना किसी का नाम लिए अश्विनी ने युगल खिलाडियों का ख्याल नहीं रखने के लिए खेल मंत्रालय के सलाहकारों पर निशाना साधा.

अश्विनी ने कहा, जब टीओपी (टारगेट ओलंपिक पोडियम) योजना आई थी तो हमने मंत्रालय को पत्र लिखा था लेकिन इसके बाद से हम मीडिया में अपना नजरिया रख रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि मंत्रालय को सही सलाह (टीओपी पर) मिल रही है.

उन्होंने कहा, वे रियो के लिए चार एकल खिलाडियों का समर्थन कर रहे हैं जबकि सिर्फ दो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं. केवल दो (एकल में) को ही क्वालीफाई करने का मौका मिलेगा. वे उन युगल खिलाडियों का समर्थन नहीं करना चाहते जिन्होंने पिछले साल ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था. वह दो अतिरिक्त एकल खिलाड़ी ले रहे हैं जो क्वालीफाई नहीं कर सकते जबकि हम पदक जीत सकते हैं.

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