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ग्रेंड स्लैम जीतने वाली भारत की पहली महिला बनी सानिया मिर्जा, विबंलडन का युगल खिताब जीता

लंदन: भारत की स्टार टेनिस खिलाडी सानिया मिर्जा ने यहां विंबलडन में इतिहास रचा जब वह स्विट्जरलैंड की अपनी जोडीदार मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर ग्रैंडस्लैम महिला युगल खिताब जीतने वाली देश की पहली खिलाडी बनी.पेशेवर बनने के 12 साल बाद 28 साल की सानिया ने पहला महिला युगल ग्रैंडस्लैम खिताब जीता जब उनकी और […]

लंदन: भारत की स्टार टेनिस खिलाडी सानिया मिर्जा ने यहां विंबलडन में इतिहास रचा जब वह स्विट्जरलैंड की अपनी जोडीदार मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर ग्रैंडस्लैम महिला युगल खिताब जीतने वाली देश की पहली खिलाडी बनी.पेशेवर बनने के 12 साल बाद 28 साल की सानिया ने पहला महिला युगल ग्रैंडस्लैम खिताब जीता जब उनकी और हिंगिस की जोडी ने फाइनल में एक सेट से पिछडने के बाद वापसी करते हुए एकाटेरिना मकारोवा और एलेना वेस्नीना की रुस की दूसरी वरीय जोडी को कडे मुकाबले में 5-7, 7-6, 7-5 से हराया.

सानिया ने इससे पहले 2003 में रुस की एलिसा क्लेबानोवा के साथ यहीं जूनियर विंबलडन चैम्पियनशिप का लडकियों का युगल खिताब भी जीता था. सानिया 2011 में भी महिला युगल ग्रैंडस्लैम जीतने के करीब पहुंची थी जब उनकी और एलेना वेस्नीना की जोडी ने फ्रंेच ओपन के फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन तब इस जोडी को उप विजेता बनकर संतोष करना पडा था.

सानिया इससे पहले 2009 में ग्रैंडस्लैम जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बनी थी जब उनकी और हमवतन महेश भूपति की जोडी ने 2009 में आस्ट्रेलियाई ओपन का मिश्रित युगल खिताब जीता था. इस दिग्गज खिलाडी ने इसके बाद 2012 में भी भूपति के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता जबकि 2014 में ब्रूनो सोरेस के साथ मिलकर अमेरिकी ओपन का खिताब अपने नाम करने में सफल रही.

कल हुए इस मुकाबले में सानिया और हिंगिस की शीर्ष वरीय जोडी ने जोरदार वापसी की. यह जोडी पहला सेट गंवाने के बाद निर्णायक सेट में भी 2-5 से पिछडी रही थी लेकिन इसके बाद लगातार पांच गेम जीतकर सेट अपने नाम करके खिताब जीतने में सफल रही.वेस्नीना ने फाइनल के दौरान सानिया और हिंगिस की जोडी के लिए काफी परेशानी खडी की और हार के बाद रुसी खिलाडी के चेहरे पर निराशा साफ देखी जा सकती थी क्योंकि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.

हाल में समय में सानिया और हिंगिस तीसरी बार इस रुसी जोडी के खिलाफ फाइनल में खेली हैं और हर बार अपना दबदबा बनाने में सफल रही। इससे पहले इंडियन वेल्स और मियामी टूर्नामेंट के फाइनल में भी भारत और स्विट्जरलैंड की जोडी ने वेस्नीना और मकारोवा की जोडी को हराया था.

सानिया ने मैच के पहले गेम में ही अपनी सर्विस गंवाई लेकिन अगले ही गेम में विरोधी जोडी की सर्विस तोडकर बराबरी हासिल कर ली। दोनों जोडियां इसके बाद अपनी सर्विस बचाती रही जिससे पहले सेट में स्कोर 5-5 से बराबर हो गया. हिंगिस ने हालांकि 11वें गेम में अपनी सर्विस गंवा दी और मकारोवा ने अपनी सर्विस बचाते हुए रुस की जोडी को 1-0 से आगे कर दिया. टूर्नामेंट के दौरान सानिया और हिंगिस ने यह पहली बार सेट गंवाया था.

सानिया और हिंगिस की शीर्ष वरीय जोडी को दूसरे सेट की शुरुआत में मकारोवा की सर्विस तोडने के दो मौके मिले लेकिन रुस की जोडी संकट को टालने में सफल रही. दूसरे सेट में किसी भी जोडी की सर्विस ब्रेक नहीं हुई और इसका फैसला टाईब्रेकर में हुआ जहां सानिया और हिंगिस की जोडी बाजी मारने में सफल रही.मकारोवा और वेस्नीना ने निर्णायक सेट के चौथे गेम में शीर्ष वरीय जोडी की सर्विस तोडकर 3-1 की मजबूत बढत बनाई. वेस्नीना ने नेट पर शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच की सबसे लंबी रैली के बाद शानदार विनर लगाया.

मकारोवा ने इसके बाद अपनी सर्विस बचाकर रुस की जोडी को 4-1 से आगे किया. सानिया और हिंगिस को सातवें गेम में वापसी का मौका मिला जब वेस्नीना अपनी सर्विस पर 0-40 से पिछड गई लेकिन शीर्ष वरीय जोडी एक भी ब्रेक प्वाइंट का फायदा नहीं उठा सकी और 2-5 से पिछड गई.मकारोवा जब नौवें गेम में खिताब के लिए सर्विस कर रही थी तो सानिया और हिंगिस ने उनकी सर्विस तोडकर वापसी की. इससे पहले हालांकि शीर्ष वरीय जोडी ने तीन ब्रेक प्वाइंट गंवाए.

सानिया और हिंगिस ने 2-5 के स्कोर पर लगातार चार गेम जीतने के बाद अगले गेम में अपनी सर्विस बचाकर खिताब जीत लिया.

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