नयी दिल्ली :ज्वाला गुट्टा को आज हाइकोर्ट ने राहत देते हुए उन्हें खेलने की इजाजत दे दी है. उनपर अनुशासनहीनता के आरोप में आजीवन प्रतिबंध की आशंका जताई जा रही थी. खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि है कि अगर यह खिलाड़ी उनसे संपर्क करती है तो वह भारतीय बैडमिंटन संघ के साथ उनके विवाद पर गौर कर सकते हैं.
जितेंद्र ने यहां कहा, क्या वह चाहती है कि खेल मंत्रालय इस मामले में हस्तक्षेप करे. मुझे ज्वाला से कोई औपचारिक आग्रह नहीं मिला है. लेकिन अगर वह हमारे से संपर्क करती है तो निश्चित तौर पर हम उसने मामले पर गौर करेंगे. उनके उसकी शिकायत सुनेंगे. हैरानी भरे फैसले में बीसीसीआई के अनुशासन पैनल ने हाल में संपन्न इंडियन बैडमिंटन लीग के दौरान बंगा बीट्स के खिलाफ अपनी फ्रेंचाइजी क्रिस दिल्ली स्मैशर्स के कुछ खिलाडि़यों को खेलने से रोकने का प्रयास करने के आरोप में ज्वाला पर आजीवन प्रतिबंध की सिफारिश की थी.
बाई ने साथ ही कहा था कि अगर यह बैडमिंटन खिलाड़ी बिना शर्त माफी मांगती है तो उसे माफ किया जा सकता है. बाई ने सोमवार को अपने अध्यक्ष अखिलेश दास गुप्ता द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के फैसले के लंबित रहते तक अगले एक महीने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए ज्वाला के नाम पर विचार करने से इनकार कर दिया है. इसका मतलब हुआ कि राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता यह खिलाड़ी डेनमार्क और फ्रेंच ओपन में नहीं खेल पाएगी.
ज्वाला के पिता क्रांति गुट्टा ने कल कहा था कि वे सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि खेल मंत्रालय इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेगा.जितेंद्र ने कहा कि वह जवाला को तभी अपने कार्यालय में बुलायेंगे जब यह खिलाड़ी औपचारिक आग्रह करेगी.उन्होंने कहा, किसी ने हमारे से संपर्क नहीं किया है. पहले उसका आग्रह मिलने दीजिए और फिर में उससे मिलूंगा.