मूकबधिर खिलाडियों को फुटपाथ पर गुजारनी पड़ी रात, मंत्रालय ने दिये जांच के आदेश
नयी दिल्ली : खिलाडियों के प्रति उदासीन रवैये का एक और उदाहरण तब देखने को मिला जब एशिया प्रशांत मूक बधिर खेलों (एपीडीजी) में भाग लेने वाली भारतीय टीम के सदस्यों को कल से चीनी ताइपै के ताओयुआन में शुरु होने वाली प्रतियोगिता के लिये वीजा के इंतजार में रात फुटपाथ पर गुजारनी पड़ी. ये […]
नयी दिल्ली : खिलाडियों के प्रति उदासीन रवैये का एक और उदाहरण तब देखने को मिला जब एशिया प्रशांत मूक बधिर खेलों (एपीडीजी) में भाग लेने वाली भारतीय टीम के सदस्यों को कल से चीनी ताइपै के ताओयुआन में शुरु होने वाली प्रतियोगिता के लिये वीजा के इंतजार में रात फुटपाथ पर गुजारनी पड़ी.
ये खिलाड़ी 40 सदस्यीय दल का हिस्सा हैं. इनमें से कुछ खिलाडियों ने कल रात गुरुद्वारा के बाहर बितायी क्योंकि संबंधित अधिकारी उनके रहने के लिये जगह की व्यवस्था नहीं कर पाये थे. खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त मूकबधिरों के लिये अखिल भारतीय खेल परिषद के पास खिलाडियों की जिम्मेदारी होती है लेकिन उसने अपनी भूमिका सही तरह से नहीं निभायी.
खिलाड़ी हालांकि आज ताइवान का वीजा हासिल करने में सफल रहे लेकिन प्रतियोगिता से 24 घंटे पहले खिलाडियों पर जो गुजरी उससे उनसे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है. खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जहां तुरंत ही जांच के आदेश दे दिये वहीं टीम के सदस्यों के लिये रहने की व्यवस्था नहीं करने के कारण इससे जुड़ी एजेंसी भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को भी विवाद में घसीट लिया गया है.
सोनोवाल ने कहा, ‘‘इस बारे में जानकर बहुत दुख हुआ. जो भी इसके लिये जिम्मेदार है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ‘ साई महानिदेशक इंजेती श्रीनिवास ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया लेकिन कहा, ‘‘किसी ने भी हमसे रहने की व्यवस्था करने के लिये नहीं कहा था.
श्रीनिवास ने कहा, ‘‘आप जब चाहो तब साई की आलोचना कर देते हो लेकिन यह मामला पूरी तरह से तथ्यों को तोड मरोडकर पेश करने का है. किसी ने भी हमसे रहने की व्यवस्था करने के लिये नहीं कहा. खिलाडियों को इसलिए परेशानी उठानी पड़ी क्योंकि उनका महासंघ, अखिल भारतीय मूकबधिर खेल परिषद में कुव्यवस्था है. इस संस्था ने अपने पिछले दौरे का हिसाब भी नहीं दिया है लेकिन इसके बावजूद हमेन इस दौरे के लिये 50 लाख रुपये की मंजूरी दी.
‘ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक वीजा का सवाल है तो मैंने पाया कि खिलाडियों का वीजा पहले इसलिए नामंजूर कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने ताइवान दूतावास को आमंत्रण पत्र उपलब्ध नहीं करवाया था. ‘ श्रीनिवास ने कहा, ‘‘इसके बाद हमने मंत्रालय स्तर पर यह मामला रखा और विदेश मंत्रालय भी इसमें शामिल हुआ.
विदेश मंत्रालय ने हमें सूचित किया कि गुरुवार तक वीजा मिल जाएगा लेकिन सर्वर की समस्या के कारण ऐसा नहीं हो पाया. इसलिए आज उन्हें हर हाल में वीजा मिलना जरुरी था क्योंकि फिर सोमवार तक इंतजार करना पड़ता. स्पष्ट है कि यह महासंघ का अपने खिलाडियों की परवाह नहीं करने का मामला है. ‘