भारत में विश्व चैम्पियनशिप जीतना खास : वेट्टल

ग्रेटर नोएडा: फार्मूला वन को अलविदा कहने के बाद भारत घूमने के इच्छुक सेबेस्टियन वेट्टल ने आज कहा कि लगातार चौथी विश्व चैम्पियनशिप भारतीय सरजमीं पर जीतना उनके लिये खास है. लगातार तीसरी इंडियन ग्रां प्री जीतने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में रेडबुल के जर्मन ड्राइवर वेट्टल ने कहा ,‘‘ भारत में विश्व चैम्पियनशिप जीतना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2013 7:36 PM

ग्रेटर नोएडा: फार्मूला वन को अलविदा कहने के बाद भारत घूमने के इच्छुक सेबेस्टियन वेट्टल ने आज कहा कि लगातार चौथी विश्व चैम्पियनशिप भारतीय सरजमीं पर जीतना उनके लिये खास है. लगातार तीसरी इंडियन ग्रां प्री जीतने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में रेडबुल के जर्मन ड्राइवर वेट्टल ने कहा ,‘‘ भारत में विश्व चैम्पियनशिप जीतना खास है. यह बहुत प्यारा देश है और लोग काफी गर्मजोशी से मिलते हैं. मेरी ख्वाहिश है कि मैं समय निकालकर भारत घूम सकूं. मैं हैरान हूं कि यूरोपीय देशों की तुलना में इतने अभावों में जीते हुए भी लोग खुश रहते हैं.’’

यह पूछने पर कि अगले साल इंडियन ग्रां प्री नहीं होने के कारण क्या वह समय निकालकर भारत घूमने आयेंगे, उन्होंने कहा कि इसके लिये उन्हें एफवन से संन्यास तक का इंतजार करना होगा. इस 26 वर्षीय ड्राइवर ने कहा ,‘‘ आफ सीजन में भी मेरे पास बिल्कुल समय नहीं होगा. इस सत्र के बाद क्रिसमस की छुट्टियां मैं परिवार के साथ बिताना चाहूंगा. जनवरी में टीम टेस्टिंग शुरु कर देगी और फिर अगले कैलेंडर की 22 रेस. भारत बहुत बड़ा देश है और इसे देखने के लिये कम से कम एक सप्ताह चाहिये. इसके लिये मुझे उस दिन का इंतजार करना होगा जब मैं एफवन को अलविदा कहूंगा.’’

अज्रेंटीना के जुआन मैनुअल फांजियो और जर्मनी के माइकल शूमाकर के बाद लगातार चार विश्व खिताब जीतने वाले दुनिया के तीसरे ड्राइवर बने वेट्टल ने कहा कि अभी इस उपलब्धि के महत्व को समझने में उन्हें समय लगेगा. उन्होंने कहा ,‘‘ फांजियो को उनके दौर में सर्वश्रेष्ठ रेसर माना गया. फिर शूमाकर आये जिन्होंने कठिन चुनौतियों के बीच सात खिताब जीते. अलग अलग दौर में महान खिलाड़ी हुए हैं. अभी मेरे लिये इनके समकक्ष पहुंचने की उपलब्धि को समझ पाना मुश्किल है क्योंकि मेरी उम्र कम है. शायद दस साल बाद मुझे अहसास हो कि मैने क्या हासिल किया है.’’

जीत के बाद अपने माता पिता और भाई से बात करने वाले वेट्टल ने इस उपलब्धि का श्रेय रेडबुल टीम को दिया. उन्होंने कहा,‘‘ पूरी टीम ने कार पर बहुत मेहनत की है. सभी बधाई के पात्र हैं. यह जीत मेरे अकेले की नहीं है. मैं अपने माता पिता का भी आभारी हूं जिन्होंने कभी किसी बात के लिये मुझ पर दबावनहीं बनाया. कार्टिंग से लेकर एफवन तक का सफर मुझे अदभुत लगता है.’’फेरारी के प्रशंसकों द्वारा हूटिंग किये जाने के बावजूद उन्हें कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने कहा ,‘‘ मैं उन्हें दोष नहीं देता क्योंकि वे नहीं चाहते कि एक ही टीम और एक ही ड्राइवर बार बार जीते. मेरे लिये सबसे अहम साथी ड्राइवरों से मिलने वाला सम्मान है जो मैने हासिल किया है.’’ भाषा मोना

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