द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये नियमों का पालन किया गया : सरकार

नयी दिल्ली : सरकार ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि इस साल द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये चयन करते समय प्रत्येक नियम का पालन किया गया और किसी उम्मीद्वार के नाम पर विचार या उसे नामंजूर पूरी तरह से मेरिट के आधार पर किया गया. न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलो की पीठ में खेल मंत्रालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2015 9:28 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि इस साल द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये चयन करते समय प्रत्येक नियम का पालन किया गया और किसी उम्मीद्वार के नाम पर विचार या उसे नामंजूर पूरी तरह से मेरिट के आधार पर किया गया. न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलो की पीठ में खेल मंत्रालय की तरफ से उपस्थित अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा, ‘‘प्रत्येक नियम का पालन किया गया.

पुरस्कार के लिये गठित चयनसमिति ने पूरी तरह से मेरिट के आधार पर अपनी सिफारिशें की और इसमें किसी का धोखाधड़ी का इरादा नहीं था. ‘ पीठ पूर्व कुश्ती कोच विनोद कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिनके नाम पर प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये विचार नहीं किया गया था.
भारतीय राष्ट्रीय पुरुष टीम के नवंबर 2010 से अप्रैल 2015 तक मुख्य कोच रहे विनोद कुमार ने दावा किया था कि अन्य कोच अनूप सिंह की तुलना में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में उनके रहते हुए अधिक उपलब्धियां हासिल की गयी. अनूप के नाम पर पुरस्कार के लिये विचार किया गया. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने विनोद को इस साल मई में मुख्य कोच पद से बर्खास्त कर दिया था क्योंकि दोहा एशियाई चैंपियनशिप के दौरान मेंटर के रुप में उनकी भूमिका कथित तौर पर अपर्याप्त पायी गयी थी.

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