ज्यूरिख : विवादों से घिरे फीफा के एक नैतिक पंचाट ने आज सेप ब्लाटर और माइकल प्लातिनी पर यह कहकर आठ साल का प्रतिबंध लगा दिया कि उन्होंने प्लातिनी को 20 लाख स्विस फ्रेंक्स के भुगतान के मामले में अपने पदों का दुरुपयोग किया था.
विश्व फुटबॉल के दो सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों के खिलाफ इस फैसले से दुनिया के इस सबसे लोकप्रिय खेल में चल रहा गोरखधंधा फिर सुर्खियों में आ गया. ब्लाटर और प्लातिनी को हर तरह की फुटबाल गतिविधि से तुरंत प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया. 79 बरस के ब्लाटर का कैरियर इससे लगभग खत्म हो गया जबकि प्लातिनी की अगला फीफा अध्यक्ष बनने की उम्मीदों पर भी लगभग पानी फिर गया.
फीफा की 1998 से कमान संभाल रहे ब्लाटर पर 50000 स्विस फ्रेंक्स और युएफा के निलंबित प्रमुख तथा फीफा उपाध्यक्ष प्लातिनी पर 80000 फ्रेंक्स का जुर्माना लगाया गया. अदालत द्वारा जारी बयान में कहा गया कि दोनों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया. फीफा 2011 में प्लातिनी को ब्लाटर द्वारा अधिकृत 20 लाख स्विस फ्रेंक्स के भुगतान की जांच कर रहा था.
उन्होंने कहा कि यह बतौर सलाहकार 1999 से 2002 तक उनके काम की एवज में दिये गए थे. फीफा की अदालत ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप खारिज कर दिया लेकिन उन्हें हितों के टकराव का दोषी पाया. इसने कहा ,‘‘ ना तो लिखित बयान में और ना ही सुनवाई के दौरान ब्लाटर इस भुगतान का कोई वैधानिक आधार बता सके.”
प्लातिनी को भी हितों के टकराव का दोषी पाया गया. अदालत ने कहा ,‘‘ प्लातिनी पूरी विश्वसनीयता और नैतिकता के साथ काम करने में नाकाम रहे. वह अपने फर्ज के प्रति लापरवाह रहे. वह फीफा के नियामक ढांचे और कानून का सम्मान करने में विफल रहे.” ब्लाटर और प्लातिनी को अक्तूबर में अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया था जब स्विस अभियोजकों ने 2011 में धन के हस्तांतरण की आपराधिक जांच शुरु की थी.
ब्लाटर के खिलाफ आपराधिक जांच चल रही है जबकि प्लातिनी संदिग्ध और गवाह के बीच में हैं. दोनों ने कुछ गलत करने से इनकार किया है. ब्लाटर ने पिछले गुरुवार फीफा मुख्यालय में आठ घंटे सुनवाई में भाग लिया जबकि प्लातिनी ने इसका बहिष्कार किया था.
चार साल पहले किये गए भुगतान के समय ब्लाटर चौथी बार फीफा अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे थे और पलातिनी ने बाद में उनका समर्थन किया था लेकिन फिर वह उनके खिलाफ हो गए थे. ब्लाटर और प्लातिनी फीफा के अपीली पंचाट , खेल पंचाट या स्विस सिविल कोर्ट में किसी भी प्रतिबंध को चुनौती दे सकते हैं. ब्लाटर अपने सम्मान के लिये लडेंगे जबकि प्लातिनी की फीफा अध्यक्ष बनने की उम्मीदों पर इस प्रतिबंध ने पानी फेर दिया है.