तिरुवनन्तपुरम : पाकिस्तान के आखिरी क्षणों में हटने से 11वें दक्षिण एशियाई फुटबॉल महासंघ (सैफ) चैंपियनशिप में अब केवल सात टीमें ही हिस्सा लेंगी और इसका उदघाटन मैच कल यहां नेपाल और श्रीलंका के बीच खेला जाएगा.
पाकिस्तान ने अपने राष्ट्रीय महासंघ के अधिकारियों के चुनावों के संबंध में अंदरुनी कानूनी समस्याओं के कारण हर दो साल में होने वाली इस क्षेत्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता से हटने का फैसला किया. पहले टूर्नामेंट का उदघाटन मैच कल भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाना था जबकि नेपाल और श्रीलंका को दिन में अन्य मैच में भिड़ना था. पाकिस्तान के हटने के कारण अब पहले दिन केवल एक मैच खेला जाएगा.
पाकिस्तान के हटने के कारण ग्रुप ए में अब केवल तीन टीमें भारत, नेपाल और श्रीलंका रह गयी हैं. भारत अब अपने शुरुआती मैच में 25 दिसंबर को श्रीलंका से भिडेगा. ग्रुप बी में मौजूदा चैंपियन अफगानिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव और भूटान की टीमें हैं. प्रत्येक ग्रुप से दो टीमें सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी. पिछली बार काठमांडो में भारत को 2-0 से हराकर खिताब जीतने वाला अफगानिस्तान आखिरी बार सैफ चैंपियनशिप में हिस्सा लेगा. इसके बाद वह जल्द ही अस्तित्व में आने वाले मध्य एशियाई फुटबॉल संघ का हिस्सा बन जाएगा.
भारत ने छह बार यह टूर्नामेंट जीता है लेकिन स्टीफन कान्सटेनटाइन की टीम के लिये घरेलू दर्शकों के सामने खिताब जीतना आसान नहीं होगा. कप्तान सुनील छेत्री सहित भारत के अधिकतर चोटी के खिलाड़ी हाल में संपन्न हुए इंडियन सुपर लीग में खेले थे. छेत्री और कुछ अन्य खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम से जुड़ गये हैं जिसने कुछ दिन पहले चैंपियनशिप की तैयारियों के लिये कोच्चि में शिविर लगाया था, क्योंकि उनके क्लबों ने उन्हें जल्दी नहीं छोड़ा था.
कान्सटेनटाइन इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय मैचों से पहले राष्ट्रीय टीम के खिलाडियों को देर से छोडने पर नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं लेकिन क्लब फीफा नियमों के अनुसार अपने अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं जिसके अनुसार मैच से चार दिन पहले खिलाडियों को छोडा जा सकता है. अफगानिस्तान टूर्नामेंट में सर्वाधिक रैंकिंग वाली टीम है. वह अभी फीफा सूची में 150वें स्थान पर है. उसके बाद मालदीव (160), भारत (166), बांग्लादेश (182), भूटान (188), नेपाल (192) और श्रीलंका (194) का नंबर आता है.