नयी दिल्ली: भारतीय हॉकी टीम के नव नियुक्त कोच टेरी वाल्श को लगता है कि भारत को अपने अतीत के शानदार सफर का गुणगान छोड कर मजबूत विकास कार्यक्रम बनाने पर ध्यान लगाना होगा जो इस समय की जरुरत है.
पिछले महीने हमवतन माइकल नोब्स से भारतीय कोचिंग की जिम्मेदारी लेने वाले वाल्श से जब भारत के लिये उचित कदम उठाये जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हम अतीत का ही गुणगान जारी नहीं रख सकते. इससे हमें मदद नहीं मिलेगी क्योंकि इतने वर्षों में खेल का स्तर बढ़ा है. ’’ वाल्श ने कहा, ‘‘जब भारत आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक जीत रहा था, तब अन्य देशों ने अपना विकास कार्यक्रम शुरु कर दिया था और उन्हें इसका फल मिल रहा है. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें जल्द से जल्द सही ढांचा बनाने की जरुरत है. हम एक मजबूत विकास कार्यक्रम की जरुरत है. विकास कार्यक्रम से मेरा मतलब है कि हमें जमीनीं स्तर से अपना आधार बनाने की जरुरत है. हमें आठ से 10 साल के बच्चों के साथ काम करने की जरुरत है. ’’ ऑस्ट्रेलिया का दो ओलंपिक में प्रतिनिधित्व करने वाले वाल्श ने कहा, ‘‘जब तक हमारे पास मजबूत विकास कार्यक्रम नहीं होता, हमारे लिये दुनिया की शीर्ष टीमों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जायेगा. ’’