नयी दिल्ली : इस साल के ओलंपिक खेलों के लिये सुशील कुमार और नरसिंह पंचम यादव में से एक को चुनने के लिये चयन ट्रायल कराने को लेकर दोराहे में खड़े भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के इस पेचीदा संकट को सुलझाने के लिये मंगलवार को बैठक करने की उम्मीद है. डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने कहा, ‘‘एक बैठक मंगलवार को होने की उम्मीद है जिसमें पूरी संभावना है कि इस पर फैसला होगा कि चयन कराये जायें या नहीं. ”
सुशील ने खेल मंत्रालय और डब्ल्यूएफआई दोनों को पत्र लिखा है, उनके इस मामले को चयन समिति को रैफर किया जायेगा जिसके बाद फैसला होगा कि ट्रायल्स कराये जायें या नहीं. अगर डब्ल्यूएफआई ने ट्रायल की उनकी मांग स्वीकार नहीं की तो यह बत्तीस वर्षीय पहलवान खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को संपर्क करने पर विचार कर रहा है.
अधिकारी ने सूचित किया, ‘‘मंगलवार को, चयन समिति से सुशील के आग्रह पर विचार करने को कहा जायेगा, जिन्होंने ट्रायल कराने के लिये पत्र लिखा है. इसलिये चयन समिति पर निर्भर होगा कि ट्रायल कराये जाये या नहीं. वह जो भी फैसला करती है, महासंघ इससे सहमत होगा. ” नरसिंह ने पिछले साल लास वेगास में विश्व चैम्पियनशिप में 74 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतने के बाद ओलंपिक कोटा स्थान हासिल किया था.
महाराष्ट्र के नरसिंह अपने स्थान के लिये दावा ठोकते आ रहे हैं जबकि दो ओलंपिक पदक जीतने वाले सुशील ने ट्रायल के लिये कहा है, जिससे पता चलेगा कि रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा. ऐसी भी अटकलें लगायी जा रही हैं कि महासंघ भी पुरुष 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में ट्रायल नहीं कराये क्योंकि इससे कुछ अन्य पहलवान भी अन्य वजन वर्गों में ट्रायल्स की मांग करेंगे. किसी परेशानी से बचने के लिये डब्ल्यूएफआई ने खेल मंत्रालय से फैसला लेने को कहा है.
हालांकि मंत्रालय ने गेंद महासंघ के पाले में डाल दी है. सूत्र ने कहा, ‘‘डब्ल्यूएफआई ने खेल मंत्रालय से अंतिम फैसला लेने को कहा, लेकिन मंत्रालय ने महासंघ के मामलों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और उसे खुद फैसला करने के लिये कहा. ” पूर्व मुख्य कोच विनोद कुमार सोनीपत में साई के केंद्र में सुशील को ट्रेनिंग करा रहे हैं, उन्होंने कहा कि पूर्व विश्व चैम्पियन को डब्ल्यूएफआई ने खुद कहा था कि वह ट्रायल्स के लिये तैयार रहें. विनोद कुमार ने कहा, ‘‘पिछले एक साल में सुशील का एकमात्र लक्ष्य रियो के लिये तैयारी करना है.
सरकार ने उन पर काफी खर्चा किया है और डब्ल्यूएफआई ने यहां तक उन्हें अभ्यास करते रहने के लिये प्रेरित किया. डब्ल्यूएफआई ने अगर पहले सुशील को बता दिया होता कि नरसिंह रियो जायेंगे तो वह इतने सारे बलिदान नहीं करता और इतनी मेहनत नहीं करता. ” उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्द से जल्द ट्रायल्स चाहते हैं. सुशील पूरी तरह से फिट है. ”