नयी दिल्ली : विजेंदर सिंह भले ही कह रहे हों कि पेशेवर मुक्केबाजों के लिये दरवाजे खुलने के बाद वह ओलंपिक क्वालीफिकेशन में हाथ आजमाना चाहते हैं लेकिन उनके ब्रिटेन के प्रोमोटर फ्रांसिस वारेन ने आज स्पष्ट किया कि भारत के इस स्टार मुक्केबाज के पास रियो का टिकट कटाने की कोशिश के लिये समय नहीं बचा है.
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विजेंदर के पास ओलंपिक ट्रायल्स के लिये समय नहीं : फ्रांसिस वारेन
नयी दिल्ली : विजेंदर सिंह भले ही कह रहे हों कि पेशेवर मुक्केबाजों के लिये दरवाजे खुलने के बाद वह ओलंपिक क्वालीफिकेशन में हाथ आजमाना चाहते हैं लेकिन उनके ब्रिटेन के प्रोमोटर फ्रांसिस वारेन ने आज स्पष्ट किया कि भारत के इस स्टार मुक्केबाज के पास रियो का टिकट कटाने की कोशिश के लिये समय […]
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने पेशेवर मुक्केबाजों के लिये ओलंपिक के दरवाजे खोल दिये हैं तो भारत के सबसे सफल मुक्केबाज विजेंदर के सामने एक सवाल खड़ा है कि क्या वह इस मौके का फायदा उठाना चाहेंगे? ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप के पूर्व कांस्य पदकधारी मुक्केबाज ने कहा कि अगर उनके लिये मौका है तो वह इसे हासिल करना चाहेंगे. मौके से उनका मतलब वेनेजुएला में अंतिम ओलंपिक क्वालीफायर से है, जो दुनिया के सभी पेशेवर मुक्केबाजों को मिलेगा.
क्वींसबेरी प्रोमोशंस के प्रमुख वारेन ने कहा, ‘‘अगर वह इसमें जाना चाहता है तो मैं बिलकुल भी खुश नहीं होउंगा. जैसे मैं देख रहा हूं, अब समय नही बचा है. निश्चित रुप से उसका अपना दिमाग है लेकिन हमने उसके लिये जो योजना बनायी हुई है, उसमें बाधा नहीं पड़ सकती क्योंकि उसे यहां तक पहुंचने में एक साल लगा है. उसकी हमारे साथ अनुबंधीय प्रतिबद्धता है. ”
वारेन ने कहा, ‘‘अगर विजेंदर 16 जुलाई को जीत जाता है तो वह डब्ल्यूबीओ रैंकिंग में शीर्ष 15 में पहुंच जायेगा. इसके बाद हम अगले कुछ महीनों में विश्व खिताबी बाउट की तैयारी करेंगे. इसका (ओलंपिक क्वालीफायर के लिये जाने का) फैसला वह खुद नहीं कर सकता. उसे हमसे इस पर चर्चा करनी होगी और हम यह निजता में बंद कमरे में करेंगे. ” विजेंदर 16 जुलाई को डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक खिताब के लिये ऑस्ट्रेलिया के कैरी होप से 10 राउंड के मुकाबले में भिड़ेंगे.
उन्होंने बरकरार रखा कि वह तीन जुलाई को शुरू होने वाले क्वालीफायर में हाथ आजमाना चाहेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना बहुत बड़ी चीज है और मैं निश्चित रुप से कोशिश करुंगा, अगर इसका मौका है. मैं जाने की कोशिश करुंगा. ”
अगर वह जाना भी चाहते हैं तो ओलंपिक का दरवाजा इस महीने के अंत में विजेंदर के लिये बंद हो सकता है अगर विकास कृष्ण 16 जून को अजरबेजान में शुरू होने वाले क्वालीफायर में 75 किग्रा में कट में प्रवेश कर लेते हैं क्योंकि विजेंदर ने इसी वर्ग में अपने एमेच्योर कैरियर में मुकाम हासिल किया था. वारेन ओलंपिक में पेशेवर मुक्केबाजों के प्रवेश के विचार पर सहमत नहीं थे और उन्होंने इसे एमेच्योर मुक्केबाजों के लिये अन्यायपूर्ण करार किया.
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