सिडनी : भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने रियो ओलंपिक से पहले अपनी तैयारियां पुख्ता करते हुए चीन की सुन यू को तीन गेम के रोमांचक फाइनल में हराकर दूसरा ऑस्ट्रेलियाई ओपन सुपर सीरिज खिताब जीता. साइना ने दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी को एक घंटे 11 मिनट तक चले फाइनल में 11-21, 21-14, 21-19 से हराया.
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना ने क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड की रेचानोक इंतानोन और सेमीफाइनल में चीन की यिहान वांग को हराया जो क्रमश: 2013 और 2011 में विश्व चैम्पियन रह चुकी हैं. इस सत्र के पहले खिताब के साथ साइना ने 56250 डालर ईनामी राशि भी जीती. यह ऑस्ट्रेलियाई ओपन में साइना की दूसरी खिताबी जीत है जिसने 2014 में भी यहां खिताबी जीत दर्ज की थी. साइना को इस खिताब के लिये लंबा इंतजार करना पड़ा जिसने पिछले साल दिल्ली में इंडिया सुपर सीरिज खिताब जीता था.
साइना पिछले पांच मुकाबलों में सुन को पांचों बार हरा चुकी है लेकिन इस बार उसे कड़ी चुनौती मिली. पहला गेम सुन ने सिर्फ 18 मिनट में जीत लिया. सुन ने काफी तेज रफ्तार खेल दिखाया. साइना ने कई सहज गलतियां की जिससे स्कोर 4-4 हो गया. सुन ने जल्दी ही 7-4 से बढ़त बना ली. ब्रेक के समय वह 11-6 से आगे थी जब साइना का बैकहैंड रिटर्न नाकाम रहा.
सुन ने साइना को लंबी रेलियों में व्यस्त रखा. सुन की बढ़त 17 . 10 की हो गई और पहला गेम सुन ने आसानी से जीत लिया जब वाइड शाट पर साइना ने वीडियो रेफरल लिया लेकिन फैसला उसके खिलाफ गया. दूसरे गेम में भी स्कोर 4-4 से बराबर था और सुन ने 6-4 से बढ़त बना ली. साइना ने दो अंक हासिल करके बराबरी की जबकि दो बार सुन की शटल बाहर जाने से साइना को 10-8 की बढ़त मिल गई. ब्रेक तक साइना तीन अंक से आगे थी. चीनी खिलाड़ी ने दो अंक बनाये लेकिन साइना ने आक्रामक शाट्स लगाकर 17-12 की बढ़त बना ली. साइना ने छह गेम प्वाइंट बनाये और पहले को भुनाया.
निर्णायक गेम में साइना और सुन 3-3 से बराबरी पर थे जिसके बाद साइना ने 6-3 से बढ़त बनाई. सुन ने जल्दी ही वापसी की और 9-8 की बढ़त बनाई. साइना ने हालांकि संयम नहीं खोया और 11-10 की बढ़त बना ली. लंबी रेलियों का बखूबी जवाब देते हुए साइना ने 20-17 से बढ़त बनाई और इस लय को कायम रखते हुए जीत दर्ज की. साइना पिछले साल दो अप्रैल को विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी. उसने अगस्त में जकार्ता में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था. वह नवंबर में चाइना ओपन सुपर सीरिज प्रीमियर के फाइनल में भी पहुंची लेकिन इसके बाद चोट के कारण उसका फार्म गिर गया.
इंडिया ओपन, मलेशिया ओपन, बैडमिंटन एशिया चैम्पियनशिप में वह सेमीफाइनल में हारी. उसने एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता और जून में इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरिज में क्वार्टर फाइनल तक पहुंच गई.