चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी : ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 4-2 से हराया
लंदन : दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया ने दबदबा बनाते हुए आज यहां 36वीं हीरो चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी प्रतियोगिता के आखिरी लीग मैच में भारत को 4-2 से शिकस्त दी. रिकार्ड 13 बार चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शुरू से आक्रामक खेल दिखाया, उसके लिये 21वें मिनट में ट्रेंट मिल्टन, 23वें मिनट […]
लंदन : दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया ने दबदबा बनाते हुए आज यहां 36वीं हीरो चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी प्रतियोगिता के आखिरी लीग मैच में भारत को 4-2 से शिकस्त दी. रिकार्ड 13 बार चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शुरू से आक्रामक खेल दिखाया, उसके लिये 21वें मिनट में ट्रेंट मिल्टन, 23वें मिनट में अरान जालेवस्की, 35वें मिनट में फ्लिन ओगिलिव और 45वें मिनट ट्रिस्टियन वाइट ने गोल किये.
भारत की ओर से पेनल्टी कोर्नर विशेषज्ञ वी आर रघुनाथ ने 45वें और स्ट्राइकर मंदीप सिंह ने 49वें मिनट में गोल किया. टीम ने अंतिम क्वार्टर में वापसी करने की कोशिश की लेकिन उनका आक्रमण स्कोरकार्ड पर असर डालने में नाकाम रहा. पी आर श्रीजेश और युवा खिलाडियों के अच्छे प्रयास के बावजूद भारतीय टीम जीत नहीं सकी और अब उन्हें तालिका में अपने स्थान पर फैसले के लिये ग्रेट ब्रिटेन बनाम बेल्जियम के परिणाम को देखना होगा कि वह फाइनल में पहुंचेगी या कांस्य पदक का मैच खेलेगी.
भारत के सात अंक हैं. उसे फाइनल में स्थान सुनिश्चित करने के लिये इस मैच में जीत की जरुरत थी. ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले ही फाइनल में जगह बना चुकी थी और 13 अंक लेकर शीर्ष पर ही है. उसने दूसरे क्वार्टर में पांच पेनल्टी कार्नर हासिल किये. 21वें मिनट में ट्रेंट मिल्टन ने गोल दागकर अपनी टीम को बढ़त दिला दी. उन्होंने पेनल्टी कार्नर पर गोल किया. भारत को खराब डिफेंस का खामियाजा भुगतना पड़ा, आस्ट्रेलिया के लिये दूसरा गोल 23वें मिनट में अरान जालेवस्की ने किया जो भारतीय गोलकीपर पी आर श्रीजेश के सिर के उपर से निकल कर गया. दो गोल से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम का उत्साह भी कम होता दिखा.
आस्ट्रेलिया ने 25वें मिनट में मिले पेनल्टी कार्नर पर शानदार प्रयास किया जो उन्हें बढ़त दिला सकता था लेकिन श्रीजेश ने इसका शानदार बचाव किया. पहले हाफ में ऑस्ट्रेलिया ने गोल की ओर 12 शाट लगाये जबकि भारतीय टीम एक भी नहीं लगा सकी. भारत को पहले हाफ में महज एक पेनल्टी कार्नर मिला. 35वें मिनट में फ्लिन ओगिलिव ने गोल किया, कोथाजित उन्हें रोकने में असफल रहे. वी आर रघुनाथ ने मोर को पास दिया, जिन्होंने इसे चिंगलेनसाना की ओर बढ़ा दिया लेकिन ओगिलिव ने गेंद छीनकर डी के अंदर आराम से गोल किया. श्रीजेश कुछ नहीं कर सके. भारत को 42वें मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला जिस पर गोल करने का अच्छा मौका था लेकिन यह खराब हो गया.
44वें मिनट में फिर भारत को पेनल्टी कार्नर मिला और तीसरा क्वार्टर खत्म होने से 30 सेकेंड पहले वी आर रघुनाथ ने गोल किया. ऑस्ट्रेलियाई टीम 45वें मिनट में तुरंत गोल करने पहुंच गयी, भारत ने बाधा पहुंचाने के लिये रेफरल मांगा लेकिन वीडियो अंपायर इससे इनकार कर दिया. क्रिस्टियन वाइट ने गोललाइन से कुछ फीट की दूरी से गोल किया जिससे स्कोर 4-1 हो गया.
अभी तक मैचों में भारत के लिये शानदार खेल दिखाने वाले मंदीप सिंह ने 49वें मिनट में भारत के लिये दूसरा गोल दागा, लेकिन टीम अब भी 2-4 से पीछे थी. भारत का अब तक चैम्पियंस ट्रॉफी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1982 में एम्सटर्डम में कांस्य पदक रहा है. भारत को बेल्जियम से 1-2 से शिकस्त मिली थी. उसने ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराया और ओलंपिक चैम्पियन जर्मनी के खिलाफ बढ़त बनाने के बाद 3-3 से ड्रॉ खेला था.