खेल मंत्री के रुप में चौबीसों घंटे काम करुंगा : गोयल

नयी दिल्ली : नवनियुक्त केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने आज कहा कि उनका लक्ष्य खेलों को देश के कोने-कोने में पहुंचाना है और इसके लिये वह चौबीसों घंटे काम करेंगे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी खेल मंत्री रहे गोयल ने इसके साथ ही विभाग में नये विजन के साथ कुछ नया करने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2016 8:26 PM

नयी दिल्ली : नवनियुक्त केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने आज कहा कि उनका लक्ष्य खेलों को देश के कोने-कोने में पहुंचाना है और इसके लिये वह चौबीसों घंटे काम करेंगे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी खेल मंत्री रहे गोयल ने इसके साथ ही विभाग में नये विजन के साथ कुछ नया करने का वादा भी किया.

गोयल ने आज अपने पूर्ववर्ती जितेंद्र सिंह से पद भार ग्रहण करने के बाद कहा, ‘‘यह गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जिम्मेदारी के लिये मुझे चुना. मुझे पूरा विश्वास है कि हम कुछ नया करने में सफल रहेंगे. मैं इसलिए भी खुश हूं कि मैं तब पद भार संभाल रहा हूं जबकि रियो ओलंपिक पास में है. इस बार हमारा सबसे बड़ा दल वहां जा रहा है. उम्मीद है कि वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे. ”
मंत्रालय में अपनी योजनाओं और विजन के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, ‘‘मैंने अभी पद संभाला है. अभी मेरे विजन और प्राथमिकताओं की सूची बताना मुश्किल है. मुझे कुछ समय दीजिए और मैं तब इस बारे में बात करुंगा. अभी मैं यही कह सकता हूं कि मैं खेलों के लिये चौबीसों घंटे काम करुंगा क्योंकि खेल मेरे दिल के काफी करीब हैं. मैं अब भी टेनिस खेलता हूं और भारतीय खेलों और खिलाडियों से जुड़ी समस्याओं को समझता हूं.
मैं अपनी सीमाओं को भी समझता हूं. ” उन्होंने कहा, ‘‘मैं युवाओं से अपील करना चाहता हूं कि उन्हें नियमित रुप से खेल खेलने चाहिए. शिक्षा के साथ खेल भी समान रुप से महत्वपूर्ण हैं. अटल जी की सरकार के मेरे पिछले अनुभव को देखकर उम्मीद है कि मैं विभाग में कुछ नया करने में अपना योगदान दे सकता हूं. ”
गोयल के खेल मंत्री रहते हुए ही दिल्ली को 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी मिली थी और वह चाहते हैं कि भारत एक और बड़ी खेल प्रतियोगिता की मेजबानी करे. उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर जब इस तरह की बड़ी प्रतियोगिताएं होती है तो इससे युवाओं का मनोबल बढ़ता है. आधारभूत ढांचा तैयार होता है. अब हमारे पास राष्ट्रमंडल खेलों से आधारभूत ढांचा है और हम इसका अधिक से अधिक उपयोग करने की कोशिश करेंगे. ”
भारतीय ओलंपिक संघ को ओलंपिक में अपने सबसे बडे दल से कम से कम 15 पदक की उम्मीद है लेकिन गोयल ने कहा कि वह पदकों की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कौन पदक संख्या की भविष्यवाणी कर सकता है. हमें केवल उन्हें शुभकामनाएं देनी चाहिए. हमारा काम केवल पदक जीतना ही नहीं बल्कि खेल को कोने कोने में पहुंचाना है. जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने योगा के लिये किया उसी तरह से खेल भी देश के प्रत्येक घर तक पहुंचना चाहिए. ”
गोयल ने इसके साथ ही कहा कि वह चाहेंगे कि खेल मंत्रालय का बजट बढे. मंत्रालय की सलाहकार समिति अखिल भारतीय खेल परिषद पहले ही ऐसी इच्छा जता चुकी है. केंद्रीय बजट 2016 – 17 में पिछले साल की तुलना में खेल मंत्रालय के बजट में केवल 50.87 करोड़ की वृद्धि की गयी है. इस बार कुल आवंटन 1592 करोड़ रुपये जबकि पिछले साल यह 1541.13 करोड़ रुपये था.

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