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सानिया-हिंगिस क्वार्टर फाइनल में हारकर विंबलडन से बाहर

लंदन : सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी आज यहां हंगरी की टिमिया बाबोस और कजाखस्तान की यारोस्लावा श्वेदोवा से सीधे सेटों में हारकर विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट से बाहर हो गयी. भारतीय स्टार सानिया और उनकी स्विस जोड़ीदार हिंगिस की मौजूदा चैंपियन जोड़ी को क्वार्टर फाइनल में बाबोस और श्वेदोवा की […]

लंदन : सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी आज यहां हंगरी की टिमिया बाबोस और कजाखस्तान की यारोस्लावा श्वेदोवा से सीधे सेटों में हारकर विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट से बाहर हो गयी. भारतीय स्टार सानिया और उनकी स्विस जोड़ीदार हिंगिस की मौजूदा चैंपियन जोड़ी को क्वार्टर फाइनल में बाबोस और श्वेदोवा की पांचवीं वरीय जोड़ी से 2-6, 4-6 से हार का सामना करना पड़ा.

यह मैच एक घंटा नौ मिनट तक चला जिसमें यूएस ओपन और ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन जोड़ी किसी भी समय रंग में नहीं दिखी. इस हार से सानिया का इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अभियान भी समाप्त हो गया. मिश्रित युगल में उनकी और क्रोएशिया के इवान डोडिग की जोड़ी पहले ही हारकर बाहर हो चुकी थी.
हिंगिस की मिश्रित युगल में चुनौती बनी हुई है जहां उन्होंने भारत के लिएंडर पेस के साथ मिलकर तीसरे दौर का मैच खेलना है. सानिया और हिंगिस को शुरू से अपनी सर्विस पर नियंत्रण रखने में दिक्कत हुई. पहले सेट में बाबोस और श्वेदोवा ने तीसरे और सातवें गेम में इस शीर्ष वरीय जोड़ी की सर्विस तोड़ी. तीसरे गेम में हिंगिस ने डबल फाल्ट करके अंक गंवाया और फिर वह अपनी सर्विस पर टीम को अंक दिलाने में नाकाम रही.
भारतीय और स्विस जोड़ी के लिये दूसरे सेट की शुरुआत ही निराशाजनक रही. उन्होंने पहले गेम में ही अपनी सर्विस गंवा दी. इसके बाद बाबोस और श्वेदोवा पूरी तरह से हावी हो गयी और उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम को बेजा गलतियां करने के लिये मजबूर किया. इस जोड़ी ने पांचवें गेम में फिर से ब्रेक प्वाइंट लिया और अपनी सर्विस बचाकर स्कोर जल्द ही 5-1 कर दिया.
सानिया और हिंगिस ने यहां से लगातार तीन अंक बनाकर वापसी की उम्मीद जगायी. उन्होंने आठवें गेम में पहली बार अपनी प्रतिद्वंद्वियों की सर्विस तोड़ी लेकिन बाबोस और श्वेदोवा ने दसवें गेम में अपनी सर्विस बचाकर सेमीफाइनल में जगह बनायी.
सानिया और हिंगिस की सबसे बड़ी कमजोरी पहली सर्विस रही जिसमें वह अधिक अंक नहीं जीत पायी. इसके अलावा उन्होंने कई बेजा गलतियां करके अपने लिये मुश्किल बढ़ायी. सानिया-हिंगिस ने कुछ छह जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी टीम ने इस तरह की दो गलतियां की. अब सानिया की निगाह फिर से फार्म में लौटने पर होंगी क्योंकि उन्हें एक महीने के अंदर रियो ओलंपिक में उतरना है.

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