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नरसिंह मामले पर सुनवाई पूरी, फैसला शनिवार या सोमवार को

नयी दिल्ली : पहलवान नरसिंह यादव के ओलंपिक में भाग लेने को बना संशय आज भी समाप्त नहीं हो पाया क्योंकि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने आज यहां दो दिन की सुनवाई के बाद इस खिलाड़ी से जुड़े डोपिंग मामले में अपना फैसला शनिवार या सोमवार तक टाल दिया है. नरसिंह और उनके वकीलों […]

नयी दिल्ली : पहलवान नरसिंह यादव के ओलंपिक में भाग लेने को बना संशय आज भी समाप्त नहीं हो पाया क्योंकि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने आज यहां दो दिन की सुनवाई के बाद इस खिलाड़ी से जुड़े डोपिंग मामले में अपना फैसला शनिवार या सोमवार तक टाल दिया है.

नरसिंह और उनके वकीलों ने बुधवार को इस पहलवान के डोपिंग में नाकाम रहने पर अपना पक्ष रखा था. उनके अनुसार नरसिंह के खिलाफ षडयंत्र रचा गया. इसके बाद नाडा की कानूनी टीम ने अनुशासन समिति के सामने आज अपना पक्ष रखा. नाडा के वकील गुरंग कांत ने आज सुनवाई समाप्त होने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘सुनवाई आज समाप्त हो गयी. फैसला शनिवार या सोमवार को आ जाएगा. ‘

उन्होंने कहा, ‘‘नाडा का तर्क था कि वह छूट का हकदार नहीं है जैसा कि वह कह रहा है. नरसिंह ने गड़बड़ी किये जाने के संबंध में प्रासंगिक परिस्थितिजन्य सबूत पेश नहीं किये जैसा कि पहले उन्होंने दावा किया था. ‘ वकील ने कहा, ‘‘उन्होंने हलफनामा पेश किया है कि उसके पानी या अन्य पेय पदार्थ में कुछ मिलाया गया था लेकिन उन्होंने इसे साबित करने के लिये कोई सबूत पेश नहीं किये जिससे नाडा या वाडा संतुष्ट हो सके. ‘ इस पहलवान ने अपने साथी पहलवानों पर साजिश करने का आरोप लगाया है.

उनकी जगह ओलंपिक टीम में प्रवीण राणा को शामिल कर दिया गया है लेकिन यदि नाडा का फैसला उनके अनुकूल रहा तो उन्हें फिर से टीम में शामिल किया जा सकता है. नाडा के वकील ने हालांकि आज कहा कि नरसिंह का साजिश का दावा साबित करने के लिये पर्याप्त सबूत नहीं हैं.

कांत ने कहा, ‘‘हमारी दलील थी कि सजा से बचने के लिये जो उचित सावधानी बरतने की जरुरत है उसे वाडा संहिता के अनुरुप पूरा नहीं किया गया. इसलिए हमने कहा कि उसे वह सजा दी जानी चाहिए जो यह पैनल उचित मानता है. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसका भी विरोध किया कि वह लापरवाह नहीं था और एक खिलाड़ी के रुप में उचित देखभाल नहीं करके उसने कोई गलती नहीं की. हमने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी होने के कारण उसे अपने खाने और पेय पदार्थों के प्रति सतर्क होना चाहिए. लेकिन उसने पैनल के सामने उचित देखभाल करने के संबंध में कुछ भी पेश नहीं किया. ‘

कांत ने कहा, ‘‘वाडा संहिता के तहत यदि वह उचित सावधानी बरतने की बात को साबित नहीं कर पाता है तो उसे छूट नहीं मिलनी चाहिए और उसे सजा मिलनी चाहिए. जिरह खत्म हो गयी है और देखते हैं कि पैनल क्या फैसला करता है. ‘ इससे पहले कल नरसिंह और उनके कई वकीलों ने अपना पक्ष रखा था. नरसिंह के वकील विदुषपत सिंहानिया ने कहा, ‘‘हमने नरसिंह का पक्ष रख दिया है. हमें नाडा पैनल पर पूरा विश्वास है. हम उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं.

हमें उम्मीद है कि उसे निर्दोष साबित कर दिया जाएगा. नाडा पैनल का रवैया मददगार रहा. हमने आज अपना पक्ष रखा और पैनल ने धैर्य से हमारी बात सुनी. सुनवाई बहुत अच्छी रही. नाडा कल अपना पक्ष रखेगा. ‘ लगातार दूसरे दिन नाडा मुख्यालय में अफरातफरी का माहौल बना रहा.

नरसिंह के समर्थक उसके पक्ष में नारे लगाकर न्याय की मांग कर रहे थे. इस पहलवान ने आरोप लगाया है कि उनके विरोधियों ने उन्हें डोपिंग में फंसाया है जिन्होंने उन्हें रियो जाने से रोकने के लिये उनके भोजन और पूरक आहार में कुछ प्रतिबंधित पदार्थ मिलाया. रिपोर्टों के अनुसार उनका पूरक आहार हालांकि साफ पाया गया.

दूसरे टेस्ट में भी फेल
इन सुनवाई के बीच नरसिंह यादव पांच जुलाई को हुए दूसरे डोप टेस्ट में भी नाकाम रहे हैं. समझा जाता है कि 25 जून के डोप टेस्ट में नाकाम रहने पर अस्थायी निलंबन झेल रहे नरसिंह के पांच जुलाई को हुए टेस्ट के भी ए और बी नमूने पॉजीटिव पाये गये. भारतीय कुश्ती महासंघ के सूत्र ने प्रतिबंधित एनाबालिक स्टेरायड मेथांडिएनोन का हवाला देते हुए बताया यह वहीं पदार्थ है, जो पहले टेस्ट में पाया गया था. इसका शरीर से बाहर जाना संभव नहीं था.
आरोपित की पहचान हुई
नरसिंह यादव डोपिंग मामले में जिस पहलवान पर खाने में कुछ मिलाने का आरोप लग रहा है, उनके नाम जीतेश और सुमित हैं. उनकी तसवीर भी सामने आयी है. नरसिंह यादव ने पुलिस में दी शिकायत में दिल्ली के इस जूनियर पहलवान पर आरोप लगाया है कि उनके खाने में इसी शख्स ने प्रतिबंधित दवा मिलायी है.
माता-पिता अनशन पर
इधर, नरसिंह के के समर्थन में उनका गांव चोलापुर का नीम मुरेरी आंदोलन की राह पर चल पड़ा है. धरसौना-नियार मार्ग पर गांव व आसपास के बड़ी संख्या में लोगों ने धरना दिया. नरसिंह के माता-पिता ने अन्न-जल त्याग दिया है. उन्होंने केंद्र सरकार से सीबीआइ जांच की मांग की है. नरसिंह के माता-पिता का कहना है कि उनका बेटा निर्दोष है. जब तक न्याय नहीं मिलेगा अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे. बनारस की जनता में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है.
ओलिंपिक में नरसिंह की जगह राणा के जाने पर अब भी संदेह के बादल
भारतीय कुश्ती महासंघ ने डोप प्रकरण में फंसे नरसिंह यादव के विकल्प के तौर पर रियो ओलिंपिक की 74 किलो फ्रीस्टाइल स्पर्धा में प्रवीण राणा का नाम तय किया है, जो नरसिंह को क्लीन चिट नहीं मिलने की दशा में खेलेंगे. हालांकि केंद्रीय खेल मंत्री ने अन्य को भेजने से इनकार कर दिया है. इससे संदेह की स्थिति पैदा हो गयी है. लोकसभा में खेल मंत्री विजय गोयल ने साफ कहा कि नियमों के मुताबिक किसी खिलाड़ी को नरसिंह के बदले नहीं भेजा जा सकता.

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