‘रन फॉर रियो” को पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी, कहा, अपने आचरण से दुनिया का जीत लो दिल
नयी दिल्ली : रियो ओलंपिक में भारतीय दल को खेल के मैदान पर ही नहीं बल्कि अपने आचरण से दुनिया का दिल जीतने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उन्हें यकीन है कि 15 अगस्त को जब देश में आजादी की सालगिरह पर तिरंगा फहराया जायेगा तो उसी कालखंड में […]
नयी दिल्ली : रियो ओलंपिक में भारतीय दल को खेल के मैदान पर ही नहीं बल्कि अपने आचरण से दुनिया का दिल जीतने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उन्हें यकीन है कि 15 अगस्त को जब देश में आजादी की सालगिरह पर तिरंगा फहराया जायेगा तो उसी कालखंड में रियो में कहीं न कहीं तिरंगा जरुर लहरायेगा.
पांच अगस्त से रियो दि जिनेरियो में शुरू हो रहे ओलंपिक में भारत के 119 सदस्यीय दल को शुभकामनाएं देने के लिये आज मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम से जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम तक ‘रन फॉर रियो’ को आज प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखाई. मोदी ने इस मौके पर कहा ,‘‘ जब विदेश में हमारा दल जाता है तो सिर्फ खेल के मैदान में हिन्दुस्तान नजर नहीं आता. पूरे ओलंपिक में उसका बोलना, चालना, उठना बैठना.
मुझे विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी, हमारे भारत का यह दल पूरी दुनिया के दिल को अपने आचरण से जीतेगा. अपने आचरण से भारत की महान विरासत का परिचय करायेगा.’ उन्होंने देशवासियों की ओर से भारतीय दल को शुभकामना देते हुए कहा, ‘‘मैं भारत के 119 खिलाडियों को कहना चाहता हूं कि दुनिया भर से बहुत से खिलाड़ी आये होंगे लेकिन आपके पीछे 125 करोड़ देशवासी जी जान से खड़े हैं.
जब 15 अगस्त को हम हिन्दुस्तान में आजादी की 70वीं जयंती का तिरंगा फहरायेंगे, मुझे विश्वास है कि इसी कालखंड में रियो में हर दिन कहीं ना कहीं तिरंगा फहराने का सौभाग्य प्राप्त होगा.’ इस मौके पर सैकड़ों की तादाद में जमा स्कूली बच्चों और युवाओं से मोदी ने तोक्यो में 2020 में होने वाले ओलंपिक की उम्दा तैयारियां करने का आह्वान करते हुए सरकार की ओर से हरसंभव मदद उपलब्ध कराने का वादा किया.
मोदी ने कहा, ‘‘2020 में ओलंपिक तोक्यो में होगा और मैं देश के नौजवानों और 600 से ज्यादा जिलों को आहवान करता हूं कि वे संकल्प करें कि तोक्यो में सिर्फ राज्य का नहीं बल्कि हर जिले का एक नुमाइंदा खेलने पहुंचेगा. इस बार 119 गए हैं, अगली बार 200 से ज्यादा खिलाडियों को पहुंचाने का संकल्प हम आज ही कर सकते हैं क्या.’ उन्होंने नये खेलों में अपनी पहचान बनाने का भी भारतीय युवाओं से आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘‘जिन खेलों में आज हमारा दूर दूर का भी नाता नहीं है, क्या ऐसे नये खेलों में भारतीय नौजवानों को तैयार करने का काम हम अभी से शुरु कर सकते हैं.
भारतीय नौजवानों में सामर्थ्य है, संकल्प है और बड़े बड़े सपने भी हैं. मैं नौजवानों और स्कूल के बच्चों से आह्वान करता हूं कि तोक्यो 2020 के लिये तैयारी करे और सरकार खिलाडियों के जरिये दुनिया में अपनी आन बान शान के लिये पूरी ताकत आने वाले चार साल में लगा देगी.’ उन्होंने कहा कि खिलाड़ी की सफलता की कसौटी सिर्फ जीत हार नहीं बल्कि भारत के गौरव को बढ़ाने में उसका योगदान भी होना चाहिये.
मोदी ने कहा, ‘‘119 खिलाडी भारत मां का जय जयकार करने के लिये कठोर तपस्या करके कड़ी मेहनत करके वहां पहुंचे हैं. हर कसौटी से पार होकर निकले हैं और जीत का संकल्प को लेकर चले हैं और वह जीत अपना नाम दर्ज कराने के लिये नहीं बल्कि हिन्दुस्तान के 125 करोड देशवासियों की आन बान शान के लिये है.’ उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर खेल का मूल्यांकन जीत और हार में सिमट जाता है.
खेल का मूल्यांकन जीत और हार में नहीं समेटा जा सकता. खिलाड़ी अपनी पूरी ताकत से कौशल से, स्टेमिना से देश के मान सम्मान के लिये जूझता रहता है. यही उसकी सबसे बड़ी कसौटी होती है. मुझे विश्वास है कि 125 करोड देशवासियों की शुभकामनाओं के साथ 119 खिलाड़ी भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाने में अपना सब कुछ झोंक देंगे.’
मोदी ने रियो ओलंपिक की तैयारियों के लिये उनकी सरकार द्वारा किये गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार उन्हें ज्यादा समय नहीं मिला लेकिन तोक्यो की तैयारी में वे कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी सरकार बनाये दो साल ही हुए हैं लिहाजा इस साल हमें ज्यादा समय नहीं मिला. भारत एक शताब्दी से ज्यादा समय से ओलंपिक से जुड़ा है लेकिन पहली बार 119 खिलाडियों का बड़ा दल हम रियो पहुंचाने में सफल हुए हैं. हमने ऐसे बदलाव किये हैं कि आपको ध्यान में आयेगा कि भारत तोक्यो के लिये कैसे तैयारी कर रहा है.’
मोदी ने कहा, ‘‘पहले खिलाड़ी दो दिन पहले ओलंपिक में पहुंचते थे और खुद को ढालने में उन्हें दिक्कत होती थी लेकिन इस बार हमने 15 दिन पहले खिलाडियों को रियो पहुंचा दिया ताकि वह खुद को वहां के माहौल में ढाल सकें. इसके अलावा इस बार खास बजट आवंटित किया है कि भारतीय दल को भारतीय खाना उपलब्ध कराया जाये.’
उन्होंने कहा कि मीडिया ओलंपिक खत्म होने पर एक महीने आलोचना करके भूल जाता है लेकिन उनकी सरकार ने पिछले ओलंपिक की कमियों को दूर करने के प्रयास किये और आलोचना को मौका बना कर काम किया. मोदी ने कहा, ‘‘पहले दल के साथ जाने वाले अधिकारियों को 100 डालर प्रतिदिन और खिलाडियों को 50 डालर प्रतिदिन भत्ता मिलता था. हमने इस बार सबको बराबरी से 100 डालर प्रतिदिन भत्ता देने का फैसला किया. चुने हुए खिलाडियों को मनमाफिक मैदान पर, पसंद के ट्रेनर के साथ अपने चुने हुए देश में विश्व स्तरीय अभ्यास का मौका दिया गया और प्रत्येक खिलाड़ी पर 30 लाख से डेढ़ करोड़ रुपये तक खर्च किये गए. पहले ओलंपिक का बजट 15 से 20 करोड़ रुपये होता था लेकिन इस बार 125 करोड़ रुपये तक बजट पहुंच गया है.’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं आज, भारत जिस खिलाड़ी के नाम से गर्व अनुभव करता है : मेजर ध्यानचंद :, उनकी साक्षी से खेल जगत की महान परंपरा को याद करते हुए रियो को, हिस्सा लेने वाले देशों को, करतब दिखाने वाले खिलाडियों को 125 करोड़ हिन्दुस्तानियों की ओर से शुभकामना देता हूं. मुझे विश्वास है कि विश्व में बंधुता का संदेश देने वाला यह समारोह निर्विघ्न संपन्न होगा.’ मोदी ने कहा ,‘‘खेलना जिंदगी की आवश्यकता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय जीवन में राष्ट्र की भी आवश्यकता बन गया है.
आओ खेलें और खिलें, हम भी खिलें और हमारा देश भी खिले.’ खेलमंत्री विजय गोयल ने कहा कि क्रिकेट से इतर खेलों को भी गांव गांव और मोहल्लों तक पहुंचाना उनकी सरकार का लक्ष्य है और इस दिशा में सतत प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि देश में क्रिकेट ही नहीं बल्कि दूसरे खेलों का भी प्रचार प्रसार हो. खेल शिक्षा का हिस्सा बनें और इसके लिये स्कूल तथा कारपोरेट जगत हमें सहयोग करें.
सरकार विभिन्न खेलों की आठ और अकादमियां खोलने जा रही है. ब्रिक्स फुटबाल और अंडर 17 फीफा विश्व कप की हम मेजबानी कर रहे हैं.’ इस मौके पर ओलंपिक में भारत के इतिहास और मौजूदा 119 सदस्यीय दल की जानकारी देने वाला एक खास ब्रोशर भी प्रधानमंत्री ने जारी किया.