नयी दिल्ली : राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पहलवान नरसिंह यादव को आज डोपिंग प्रकरण से बरी कर दिया जिससे उनका रियो ओलंपिक जाने का रास्ता साफ हो गया. नाडा ने कहा कि यह पहलवान साजिश का शिकार हुआ और संदेह का लाभ दिये जाने का हकदार है.
पिछले कुछ दिनों से चले आ रहे संदेह को खत्म करते हुए नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने नरसिंह को बरी करने का बयान पढा जिसके बाद इस पहलवान के समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया. अग्रवाल ने इस फैसले को पढ़ते हुए कहा, ‘‘हमने बीते समय के (दो जून तक) के नमूने को ध्यान में रखा, जिसमें उसका कोई भी नमूना पाजीटिव नहीं पाया गया था. यह बात समझ से बाहर थी कि एक बार यह प्रतिबंधित पदार्थ लेने से फायदा होगा. इसलिये पैनल का विचार था कि एक बार लिया गया पदार्थ ‘जान बूझकर’ नहीं लिया गया था. ‘
उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘पैनल ने कहा कि यह एथलीट नाडा की डोपिंग रोधी संहिता की 10.4 धारा के लाभ का हकदार है. यह ध्यान में रखते हुए कि वह साजिश का शिकार हुआ, पैनल ने नाडा के डोपिंग रोधी नियमों के आरोपों से उसे बरी कर दिया. ‘
जब आज यह फैसला लिया गया तो नरसिंह नाडा के मुख्यालय में उपस्थित थे. रियो जाने वाली टीम में उनकी जगह प्रवीण राणा को भेजने की घोषणा की गयी थी. लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ ने कहा कि नरसिंह को अब टीम में वापस ले लिया जायेगा.
नाडा ने यह फैसला पिछले हफ्ते तीन दिन की मैराथन सुनवाई के बाद किया है जिसमें नरसिंह के वकीलों ने जिरह की कि इस पहवालन को विरोधियों द्वारा शिकार बनाया गया है. यहां तक कि नरसिंह ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने दो साथी पहलवानों का नाम लिया था जिसमें एक 17 वर्ष का है.
नरसिंह को प्रतिबंधित पदार्थ मिथानाडाईनोन का पाजीटिव पाया गया था जिसके बाद इस पहलवान ने दावा किया था कि उसके खिलाफ साजिश की गयी है. नाडा की कानूनी टीम ने भी अनुशासनात्मक समिति के समक्ष इस साजिश के आरोप के खिलाफ जिरह की और कहा कि खुद को डोपिंग मुक्त रखने की जिम्मेदारी नरसिंह की है. पैनल ने उसके खाने में प्रतिबंधित पदार्थ डालने की बात की पुष्टि करने के लिये शनिवार को नरसिंह के वकील विदुशपत सिंघानिया के अनुरोध पर दो रसोईयों को भी बुलाया था.
नरसिंह को डब्ल्यूएफआई ने दो बार के ओलंपिक पदकधारी सुशील कुमार पर तरजीह देते हुए रियो ओलंपिक के लिये चुना था क्योंकि उसी ने पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर 74 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल किया था. सुशील ने ट्रायल की मांग की थी जिसे महासंघ और दिल्ली उच्च न्यायालय ने लंबी कानूनी लडाई के बाद ठुकरा दिया था. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा कि इस पहलवान के सामने प्रक्रिया से जुडी बाधायें नहीं होंगी. उन्होंने टाइम्स नाउ से कहा, ‘‘यह भारतीय खेलों के लिये अच्छा संकेत है. उसे (नरसिंह) एक व्यक्ति द्वारा शिकार बनाया गया था.
हम खुश हैं कि नाडा ने सही समय पर सही फैसला किया. वह आसानी से रियो जा सकता है और भारतीय टीम से जुड़ सकता है. नाडा ने समय लिया लेकिन उचित फैसला लिया. ‘ तरलोचन ने स्पष्ट किया कि यह वाडा परीक्षण या प्रतिबंध नहीं था जिससे इस पहलवान को किसी अन्य बाधा का सामना नहीं करना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘उसे वाडा संहिता या विश्व महासंघ द्वारा सजा नहीं दी गयी थी. यह स्थानीय संस्था द्वारा लिया गया फैसला है. ‘
*नरसिंह ने पीएम मोदी और समर्थकों का आभार जताया
नाडा से क्लीन चीट मिलने के बाद नरसिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समर्थकों का आभार जताया है. उन्होंने कहा, जिसने भी मेरा साथ दिया सच्चाई की लडा़ई में उनका मैं सदा आभारी रहुंगा और मैं सभी को भरोशा दिलाता हूं कि मैं अपने देश के लिए पदक हार हाल में जीतकर लाउंगा.
* नाडा दफ्तर के बाहर जश्न
नाडा पैनल ने जैसे ही नरसिंह यादव को क्लीन चीट दिया वैसे ही दफ्तर के बाहर नरसिंह यादव के समर्थकों में खुशी की लहर फैल गयी. जश्न मानाते हुए नरसिंह के समर्थकों ने एक-दूसरे को मिठाईयां बांटी.
* नरसिंह ने लगाया था गंभीर आरोप
नरसिंह यादव ने डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद अपने साथी खिलाड़ी पर गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, कि उनके खाने में कुछ मिलाया गया था. इसको लेकर उन्होंने थाना में शिकायत भी दर्ज करायी है.
नरसिंह ने कहा था, मैंने हमेशा से कहा है कि मेरे खिलाफ साजिश हुई है. मैंने उस लड़के को पहचान लिया है जिसने मेरे खाने में कुछ मिलाया. मैंने पुलिस के पास तफ्सील से शिकायत दर्ज कराई है.’ उन्होंने कहा ,‘‘ मेरा मानना है कि अधिकारी भी इसमें शामिल है क्योकि मुझे सीसीटीवी फुटेज नहीं दिये जा रहे.’ नरसिंह ने किसी का नाम नहीं लिया था लेकिन कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया से बातचीत में नामों का खुलासा कर दिया.
उन्होंने कहा ,‘‘ हमें जितेश पर शक है जो 75 किलोवर्ग में लड़ता है. उसके साथ सुमित भी और ये दोनों छत्रसाल अखाडे में रहते हैं. इनमें से एक ने स्वीकार किया है कि उसने नरसिंह के खाने में कुछ मिलाया है. मैं साजिश पर कुछ नहीं कह सकता और यह भी नहीं कह सकता कि उन्होंने यह खुद किया या किसी के कहने पर. हम इसकी जांच नहीं कर सकते लेकिन मामले की सीबीआई जांच की नरसिंह की मांग का समर्थन करते हैं.’
* दूसरे टेस्ट में भी हो गये थे फेल
25 जून के डोप टेस्ट में नाकाम रहने पर नरसिंह यादव पांच जुलाई को हुए दूसरे टेस्ट में भी फेल हो गये थे. पांच जुलाई को हुए टेस्ट के भी ए और बी नमूने पाजीटिव पाये गए.
भारतीय कुश्ती महासंघ के सूत्र ने प्रतिबंधित एनाबालिक स्टेरायड मेथांडिएनोन का हवाला देते हुए बताया ,‘‘ यह वही पदार्थ है जो पहले टेस्ट में पाया गया था. इसका शरीर से बाहर जाना संभव नहीं था.’ नरसिंह ने दावा किया है कि उसके विरोधियों ने उसके फूड सप्लीमेंट्स और खाने में इसे मिलाया. उसके फूड सप्लीमेंट्स हालांकि टेस्ट में साफ पाये गए.