कोच बिश्वेश्वर नंदी ने दीपा करमाकर को लेकर किया बड़ा खुलासा

कोलकाता : दीपा करमाकर के कोच बिश्वेश्वर नंदी ने 15 साल से ज्यादा समय के कैरियर में अपनी शिष्या के लिये कभी भी पिटाई का सहारा नहीं लिया बल्कि वह इस स्टार जिमनास्ट से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने के लिये मनोवैज्ञानिक तरीके का सहारा लेते थे जो रियो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रही थी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2016 7:44 PM

कोलकाता : दीपा करमाकर के कोच बिश्वेश्वर नंदी ने 15 साल से ज्यादा समय के कैरियर में अपनी शिष्या के लिये कभी भी पिटाई का सहारा नहीं लिया बल्कि वह इस स्टार जिमनास्ट से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने के लिये मनोवैज्ञानिक तरीके का सहारा लेते थे जो रियो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रही थी. द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल कर चुके कोच ने अपनी ट्रेनिंग का खुलासा करते हुए कहा, ‘‘इस वैज्ञानिक ट्रेनिंग के युग में पिटाई बिलकुल नहीं. ”

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उसे मनोवैज्ञानिक रुप से हमला करना होता था. कभी कभार वह रो भी देती थी और कभी इतनी आहत हो जाती थी कि वह कहती थी, ‘मुझे ये सब मत कहिये, यह छड़ी द्वारा पिटायी से ज्यादा दर्दनाक है’. लेकिन यह मेरी तकनीक है. ” नंदी ने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि वह काफी आज्ञाकारी है और इसलिये वह यहां तक पहुंचने में सफल रही.

एक खिलाड़ी तभी सफलता हासिल कर सकता है जब वह अपने कोच की सलाह पर ध्यान दे. ” उन्होंने कहा कि इन दिनों माता-पिता काफी रक्षात्मक हो गये हैं इसलिये आप डंडे का सहारा नहीं ले सकते. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समय में हमारी काफी पिटायी की जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होता. समय बदल चुका है. अगर मैं डंडे से पिटाई करना शुरू कर दूंगा तो कोई भी मेरे पास बच्चों को नहीं भेजेगा. ”

Next Article

Exit mobile version