सुशील ने कहा,अब तिरंगे तले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकेंगे खिलाड़ी

नयी दिल्ली : ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने भारत की ओलम्पिक में वापसी का स्वागत करते हुए कहा कि खिलाड़ियों और देश के लिये यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है और अब तिरंगे तले खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकेंगे. बीजिंग ओलंपिक (2008) में कांस्य और लंदन ओलंपिक (2012) में रजत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2014 3:07 PM

नयी दिल्ली : ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने भारत की ओलम्पिक में वापसी का स्वागत करते हुए कहा कि खिलाड़ियों और देश के लिये यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है और अब तिरंगे तले खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकेंगे.

बीजिंग ओलंपिक (2008) में कांस्य और लंदन ओलंपिक (2012) में रजत पदक जीत चुके सुशील ने कहा,‘‘ भारतीय खेलों के लिये यह बहुत ही महत्वूर्ण फैसला है. अब हम अपने देश के झंडे के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं. तिरंगे के बिना किसी खेल में भाग लेना बहुत अजीब सा लगता है. आपके देश का नाम नहीं लिया जाता तो प्रतियोगिता में देश के लिये भाग लेने का उत्साह पैदा नहीं हो पाता.’’सुशील ने कहा,‘‘ खिलाड़ियों के लिये यह बहुत ही खुशी की बात है अब खिलाड़ी खुलकर खेल सकेंगे और इस साल अनेक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता होने के कारण हम लोग और ज्यादा मेहनत करेंगे.’’

दागी अधिकारियों और सरकार के हस्तक्षेप के कारण ओलंपिक से बाहर किये जाने के करीब 14 महीने बाद भारत पर लगा निलंबन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने आईओए के ताजा चुनावों के बाद वापिस ले लिया है. आईओसी के फैसले के बाद अब भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में तिरंगे तले खेल सकेंगे.निलंबन के बाद से भारतीय खिलाड़ी आईओसी के ध्वज तले खेल रहे थे. सोच्चि में इस समय चल रहे शीतकालीन ओलंपिक में अब भारतीय समापन समारोह के दौरान तिरंगा लहरा सकेंगे जिसके उद्घाटन समारोह में भारतीय खिलाड़ियों को आईओसी के ध्वज तले परेड करने के लिये मजबूर होना पडा था.

वहीं लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर ने कहा कि साल की शुरुआत में यह फैसला आने से अब खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेल और एशियाड में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकेंगे. उन्होंने कहा ,‘‘ यह साल खेलों के लिये बहुत अहम है क्योंकि इसमें राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल होने हैं. अपने ध्वज के तले नहीं खेलने से दिमाग पर बोझ रहता है जो अब नहीं रहेगा. यह बेइज्जती की भी बात होती है. अब निलंबन हटने से खिलाड़ी खुलकर उम्दा प्रदर्शन कर सकेंगे.’’ अप्रैल में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप की तैयारी कर रहे योगेश्वर ने उम्मीद जताई कि 2014 भारतीय खेलों के लिये यादगार साबित होगा.

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