ऑस्ट्रेलिया को हराकर जूनियर वर्ल्ड कप हॉकी के फाइनल में पहुंचा भारत

लखनऊ : भारत ने जूनियर वर्ल्ड कप हॉकी में अपनी जगह पक्की कर ली है. आज भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में 4-2 से हराकर फाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया. अंतिम फैसला पनेल्टी शूटआउट सेहुआ. मैच के खत्म होने पर भी दोनों टीमें बराबर 2-2 के स्कोर पर थीं. पेनल्टी शूटआउट में भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2016 8:09 PM

लखनऊ : भारत ने जूनियर वर्ल्ड कप हॉकी में अपनी जगह पक्की कर ली है. आज भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में 4-2 से हराकर फाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया. अंतिम फैसला पनेल्टी शूटआउट सेहुआ. मैच के खत्म होने पर भी दोनों टीमें बराबर 2-2 के स्कोर पर थीं. पेनल्टी शूटआउट में भारत के विकास दहिया ने शानदार प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया के 5 मैच से 3 शूटआउट को रोककर मैच का रुख मोड़ दिया. भारत ने चार के चार स्ट्रोक गोल कर दिये.

आक्रामक हाॅकी का नायाब नमूना पेश करते हुए भारत ने आज यहां पेनल्टी शूटआउट में ऑस्ट्रेलिया को 4.2 से हराकर 15 साल बाद जूनियर विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया, जहां उसका सामना अब बेल्जियम से होगा. खचाखच भरे मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर जैसे ही भारत के लिए मनप्रीत सिंह जूनियर ने चौथी पेनल्टी को गोल में बदला, दर्शकों में मानो जोश का तूफान उमड पडा. मैदान पर चारों ओर तिरंगे लहराते दिखाई देने लगे और पूरा स्टेडियम ‘चक दे इंडिया’ से गुंजायमान हो गया. पिछले 11 बरस से जूनियर हॉकी में कांस्य पदक का मुकाबला हारने की टीस से जूझ रहे कोच हरेंद्र सिंह ने मैदान को प्रणाम किया और खिलाडी आंखों मे आंसू लेकर एक दूसरे के गले लग गये.

पेनल्टी शूट आउट में भारत के लिए कप्तान हरजीत सिंह ने 21वें मिनट में रिबाउंड पर पहला गोल किया, जबकि ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह और सुमित ने बाकी दो गोल दागे. आखिरी गोल मनप्रीत ने किया. वहीं आस्ट्रेलिया के लिए ब्लैक गोवर्स और जैक वेल्श ने गोल किये, जबकि मैथ्यू बर्ड और लाशलान शार्प के निशाने चूक गये. इससे पहले निर्धारित समय तक स्कोर 2. 2 से बराबर था. भारत के लिए गुरजंत सिंह ( 42वां ) और मनदीप सिंह (48वां मिनट ) ने गोल किये, जबकि आस्ट्रेलिया के लिए टाम क्रेग ( 14वां मिनट ) और शार्प ( 57वां ) ने गोल दागे.

भारत तीसरी बार जूनियर विश्व कप हॉकी के फाइनल में पहुंचा है. सबसे पहले 1997 में इंग्लैंड के मिल्टन केनेस में हुए फाइनल में उसे आस्ट्रेलिया ने 3. 2 से हराया था. उसके चार साल बाद आस्ट्रेलिया के होबर्ट में भारत ने अर्जेंटीना को 6 . 1 से हराकर एकमात्र खिताब जीता. रोटरडम में 2005 जूनियर हाकी विश्व कप के कांस्य पदक के मुकाबले मे स्पेन ने भारत को हराया था. वहीं, बेल्जियम पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा है.

मैच में पहले हाफ में भारतीयों ने गोल करने के कई आसान मौके गंवाये. क्वार्टर फाइनल में 55वें मिनट तक स्पेन से एक गोल से पिछडने वाली भारतीय टीम ने बाद में उसी अंदाज में वापसी करते हुए दो गोल दागे. पहले हाफ में गेंद पर नियंत्रण के मामले में मेजबान का पलडा भारी रहा, लेकिन सर्कल के भीतर फारवर्ड पंक्ति ने चूक की. भारत को सबसे पहले गोल करने का मौका 12वें मिनट में मिला, लेकिन गुरजंत सिंह से मिले पास को परविंदर सिंह सर्कल के भीतर पकड़ नहीं सके.

दूसरी ओर, आस्ट्रेलिया ने भी हमले तेज कर दिये, जिसका फायदा 13वें मिनट में पेनल्टी कार्नर के रुप में मिला. इस पर पहले शाट में गोल नहीं हो सका और रिबाउंड पर भी निशाना चूक गया, लकिन दूसरे रिबाउंड पर टाम के ने गेंद को गोल के भीतर डाल दिया. भारत को पहले पेनल्टी कार्नर के लिए 27वें मिनट तक इंतजार करना पडा. एक ही मिनट में भारत को दो पेनल्टी कार्नर मिले और दूसरे पर हरमनप्रीत सिंह के शाट पर गेंद आस्ट्रेलियाई गोलकीपर थामस एशले की स्टिक से टकराकर गोलपोस्ट के ऊपर से निकल गयी.

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