हॉकी इंडिया लीग: टीमें तैयार, सेमीफाइनल आज
रांची : हॉकी इंडिया लीग (एचआइएल) के दूसरे संस्करण के सेमीफाइनल मुकाबले के लिए रांची पूरी तरह तैयार है. सेमीफाइनल में पहुंचनेवाली चार टीमें मेजबान रांची राइनोज, दिल्ली वेवराइडर्स, पंजाब वॉरियर्स और यूपी विजार्ड्स की टीमों ने शुक्रवार को जम कर अभ्यास किया. एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम मोरहाबादी में होनेवाले मैचों के दौरान बॉलीवुड अभिनेता, पॉलिटिक्स और […]
रांची : हॉकी इंडिया लीग (एचआइएल) के दूसरे संस्करण के सेमीफाइनल मुकाबले के लिए रांची पूरी तरह तैयार है. सेमीफाइनल में पहुंचनेवाली चार टीमें मेजबान रांची राइनोज, दिल्ली वेवराइडर्स, पंजाब वॉरियर्स और यूपी विजार्ड्स की टीमों ने शुक्रवार को जम कर अभ्यास किया.
एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम मोरहाबादी में होनेवाले मैचों के दौरान बॉलीवुड अभिनेता, पॉलिटिक्स और खेल के दिग्गजों के आने की संभावना है. एचआइएल के चेयरमैन डॉ नरेंद्र बत्रा ने बताया कि रांची के दर्शकों ने हमेशा से हॉकी को काफी प्यार दिया है. हमें उम्मीद है कि सेमीफाइनल और फाइनल के दौरान भी रांची के दर्शक काफी संख्या में स्टेडियम पहुंच कर टूर्नामेंट को सफल बनायेंगे.
* राइनोज पर होगा दबाव
लीग चरण में चौथे स्थान पर रही रांची राइनोज शनिवार को दूसरे सेमीफाइनल में पंजाब वॉरियर्स से भिड़ेगी. गत चैंपियन होने, पिछले मैच में पंजाब के हाथों मिली हार और घरेलू दर्शकों के बीच बढि़या प्रदर्शन करने का दबाव टीम पर होगा. इस बार राइनोज पिछले साल के प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख सके हैं और सिर्फ चार मैच जीते, जबकि पांच गंवाये हैं. वे 26 अंक लेकर चौथे स्थान पर रहे.
पंजाब वॉरियर्स ने अभी तक सिर्फ एक मैच गंवाया. उसने सात मैच जीते, जबकि दो ड्रॉ रहे. लीग चरण में वे 10 मैचों में 40 अंक लेकर शीर्ष पर रहे. इससे पूर्व पहले सेमीफाइनल में सरदार सिंह की अगुवाई वाली दिल्ली वेवराइडर्स का पलड़ा उत्तरप्रदेश विजार्ड्स पर भारी रहेगा. दोनों टीमों पर हालांकि शनिवार को काफी दबाव होगा और एक दिन का खराब प्रदर्शन उन्हें फाइनल की दौड़ से बाहर कर देगा.
* विजेता को 2.5 करोड़ और चमचमाती ट्रॉफी
विजेता टीम को 2.5 करोड़ रुपये के साथ-साथ चमचमाती ट्रॉफी मिलेगी. वहीं उप विजेता टीम को 1.25 करोड़ तथा तीसरे स्थान पर रहनेवाली टीम को 75 लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा. सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को 25 लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा. सर्वाधिक गोल के लिए 10 लाख रुपये मिलेंगे. उदीयमान खिलाड़ी को पोंटी चड्ढा पुरस्कार के रूप में 20 लाख रुपये मिलेंगे.
* सुनहरा है भारतीय हॉकी का भविष्य
एचआइएल जैसी कठोर लीग की सफलता के पीछे कई कारक हैं. यह ऐसी लीग है, जहां बढि़या खिलाड़ी भी अपने स्तर तक नहीं पहुंच पाते, वहीं एक औसत खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन करता है. यही कारण है कि जिसे फिसड्डी माना जाता है, वह आगे निकल जाता है और बड़ी टीमें पीछ रह जाती है. यही तो इस खेल की विशेषता है. इस लीग से भारत के युवा खिलाडि़यों को काफी लाभ पहुंचा है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आनेवाले दिनों में भारतीय हॉकी का भविष्य सुनहरा है. लीग में जो खिलाड़ी मेहनत कर रहे हैं, उन्हें इसका फल भी मिल रहा है. उन खिलाडि़यों का नाम नहीं लेना बेहतर होगा, लेकिन कई भारतीय युवा खिलाड़ी हैं, जो अब हॉकी में अपना भविष्य तलाश रहे हैं. जहां तक टीम की बात है, जेपी पंजाब वॉरियर्स अपने चरम पर है. अंक तालिका में शीर्ष पर रहना शानदार है और अब चैंपियनशिप जीत कर हम इसका सुनहरा अंत करना चाहेंगे.