खिलाडियों को महिला हॉकी में अपना भविष्य नजर नहीं आता: ममता खरब

भोपाल: भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान और ‘गोल्डन गर्ल’ के नाम से मशहूर ममता खरब ने कहा कि महिला हॉकी के साथ सबसे बडी समस्या यह है कि खिलाडियों को इसमें अपना भविष्य नजर नहीं आता है. भोपाल में चल रही चौथी सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैम्पियनशिप में बतौर चयनकर्ता बनकर आई ममता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2014 1:48 PM

भोपाल: भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान और ‘गोल्डन गर्ल’ के नाम से मशहूर ममता खरब ने कहा कि महिला हॉकी के साथ सबसे बडी समस्या यह है कि खिलाडियों को इसमें अपना भविष्य नजर नहीं आता है.

भोपाल में चल रही चौथी सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैम्पियनशिप में बतौर चयनकर्ता बनकर आई ममता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘खिलाडियों को महिला हॉकी में अपना भविष्य नजर नहीं आता और यही भारतीय महिला हॉकी के साथ सबसे बडी समस्या है, ऐसे में वे इस खेल के प्रति आकर्षित हों भी तो कैसे.’’

उन्होंने कहा कि जरुरी है कि हर राज्य सरकार महिला हॉकी खिलाडियों को अलग-अलग पोस्ट पर भर्ती करे, हालांकि रेलवे महिला हॉकी खिलाडियों को नौकरी देता है. उन्हें खुद हरियाणा सरकार ने डीएसपी के पद पर नौकरी दी है. 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों में ‘गोल्डन गोल’ दागने वाली ममता ने कहा कि देश में महिला हॉकी धीरे-धीरे उपर उठ रही है.हाल ही अनुशासनहीनता के लिए रेलवे के 16 खिलाडियों को निलंबित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि खेल में अनुशासन तो होना ही चाहिए. हॉकी इंडिया के इस कदम से खिलाडियों को कडा संदेश जाएगा.

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