भारत के दिग्गज फुटबाल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया ने कोविड-19 महामारी के कारण देश भर में हुए 21 दिन के लॉकडाउन में परेशानी का सामना कर रहे सिक्किम के प्रवासी कामगारों को आश्रय देने की घोषणा की. मंगलवार मध्यरात्रि से बंदी के कारण बड़ी संख्या में असंगठित क्षेत्रों के प्रवासी श्रमिक बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं और अपने घर लौटने के लिए बेताब है.
भूटिया ने पीटीआई से कहा, ‘‘इस बंदी से बंदी से प्रवासी श्रमिक सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे है. कल बड़ी संख्या में सिक्किम सीमा पर लोग इकट्ठा थे. मेरे पास गंगटोक (लुम्सी, तडोंग) में एक नई इमारत है. इसमें लगभग 100 लोग रह सकते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘ जिन प्रवासी श्रमिकों के पास रहने के लिए यहां कोई घर नहीं है वह यहां रह सकते हैं.
हम उन्हें कुछ बुनियादी राशन भी प्रदान करेंगे. मैं स्थानीय अधिकारियों के साथ भी काम कर रहा हूं ताकि यह पता चल सके कि हम एक साथ मिलकर कैसे काम कर सकते है.” पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ राज्य में कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में वे (प्रवासी श्रमिक) कोरोना वायरस से सुरक्षित है. हम सरकार से गुजारिश कर रहे हैं कि वे कम से कम घर के अंदर इस बीमारी से सुरक्षित रहेंगे.
वे इससे बुरी तरह से प्रभावित हैं लेकिन उन्हें कही जाने की जरूरत नहीं.” भूटिया ने अपने फेसबुक पेज पर भी इस जानकारी को साझा करते हुए अपने क्लब यूनाइटेड सिक्किम के वरिष्ठ प्रबंधक अर्जुन राय का नंबर भी साझा किया उन्होंने कहा, ‘‘ इस मामले में मदद के लिए उनसे 9434117465 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है
गौरतलब है कि इस लॉकडाउन की वजह से कई मजदूरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास काम नहीं होने की वजह से पैसों की भारी किल्लत हो गयी है. कई मजदूर ये सोच के ही घर जा रहे हैं कि कम से कम वहां पर हमलोग भूखा तो नहीं मरेंगे लेकिन उनके पास घर जाने का कोई साधन नहीं रहने के कारण वो लोग पैदल ही घर जाने को मजबूर हैं हालांकि प्रशासन की तरफ से कुछ इंतजाम जरूर किया गया है लेकिन वो नाकाफ़ी साबित हो रहा है.
आपको बता दें कि कोरोना की वजह से भारत में अब तक 1071 मामले सामने आए हैं, जबकि 29 लोगों की मौत हो इससे मौत हो चुकी है.